क्या स्कूल में भी आपके बच्चे सुरक्षित
है ? स्कूल एक ऐसी जगह होती है, जहाँ से बच्चे अपने कैरिअर की शुरूआत
करते है, एनसीपीसीआर ने हाल ही में सभी मौजूदा
गाइडलाइंस को मिलाकर 'स्कूल सेफ्टी ऐंड सिक्योरिटी' मैनुअल तैयार किया गया है ,जिसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार
से बता रहे है |
एचआरडी मिनिस्ट्री और महिला और बाल
विकास मंत्रालय ने एनसीपीसीआर से स्कूल सेफ्टी गाइडलाइंस बनाने को कहा था ।
एनसीपीसीआर ने अब सभी मौजूदा गाइडलाइंस को मिलाकर 'स्कूल
सेफ्टी ऐंड सिक्योरिटी' मैनुअल तैयार किया है ।
'स्कूल सेफ्टी ऐंड
सिक्योरिटी'
एचआरडी मिनिस्ट्री और महिला और बाल
विकास मंत्रालय ने एनसीपीसीआर से स्कूल सेफ्टी गाइडलाइंस बनाने को कहा था ।
एनसीपीसीआर ने अब सभी मौजूदा गाइडलाइंस को मिलाकर 'स्कूल
सेफ्टी ऐंड सिक्योरिटी' मैनुअल तैयार किया है ।
एनसीपीसीआर के मेंबर प्रियंक कानूनगो
ने कहा कि, इस मैनुअल के आधार पर पैरंट, पैरंट-टीचर असोसिएशन या स्कूल मैनेजमेंट
कमिटी स्कूलों का सिक्यॉरिटी ऑडिट कर सकते हैं ,यदि
किसी प्रकार की कमी पाई गई तो इसकी शिकायत एजुकेशन डिपार्टमेंट से की जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों को गाइडलाइंस मानना आवश्यक है।
मैनुअल में एक चेक लिस्ट दी गई है
जिसके आधार पर कोई भी पैरंट खुद भी स्कूल का सिक्योरिटी ऑडिट कर सकते हैं।
सिक्यॉरिटी ऑडिट प्रत्येक कुछ समय में किया जाना चाहिए ।
ऐसे नियमों के अंतर्गत
होने चाहिए स्कूल
1.विद्यालय
की बिल्डिंग नियमों के अनुरूप होना चाहिए और सभी आवश्यक सेफ्टी सर्टिफिकेट उपलब्ध
होने चाहिए , बिल्डिंग और कैंपस में कोई ज्वलनशील
पदार्थ या टॉक्सिक मटीरियल नहीं होना चाहिए ।
2.दिव्यांग
बच्चों की पहुंच के हिसाब से क्लारूम, टॉइलट, कैंटीन, स्कूल की एंट्री, लाइब्रेरी, प्लेग्राउंड
होना आवश्यक है ।
3. विद्यालय
में अलार्म सिस्टम, सेंट्रलाइज्ड पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम
होना चाहिए और सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम
को लगातार मॉनिटर किया जाना चाहिए ।
4.क्लासरूम
और कॉरिडोर में इलेक्ट्रिकल फिटिंग सेफ हो । इमर्जेंसी में बाहर निकलने का प्लान
सही तरीके से लगाया गया हो । फायर इक्स्टिंगग्विशर सही जगह पर होना आवश्यक है ।
5.बच्चो के लिए साफ पीने के पानी की
व्यवस्था होनी चाहिए । लड़के और लड़कियों के लिए अलग टॉइलट आवश्यक है । 3 से छ:ह
वर्ष के बच्चों हेतु अलग टॉइलट ब्लॉक हो जिसमें अटेंडेंट का होना आवश्यक है ।
6.लाइब्रेरी
और क्लासरूम में क्रॉसवेंटिलेशन और प्रकाश की उचित व्यवस्था, केमिकल लैब में केमिकल सही तरीके से रखे हों, फर्स्ट
एड किट सही जगह पर हो, लिफ्ट दिव्यांग बच्चों को भी ध्यान में
रखकर लगाई गई हो ।
7.यदि
स्कूल कैंपस में कोई कुआं या तालाब हो तो वॉल होनी चाहिए , बच्चों
के वहां जाने पर रोक होनी चाहिए | अगर स्कूल में स्विमिंग पूल है तो, यह सुनिश्चित करें कि वह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन अनुसार
हो ।
8.फायर
सेफ्टी और रेस्क्यू सर्विसेज डिपार्टमेंट से एनओसी सर्टिफिकेट देख लें, फायर फाइटिंग सिस्टम की जानकारी लें ।
देखें कि क्या स्कूल किसी लोकर फायर फाइटिंग एजेंसी की टच में है। ट्रेंड
मैनेजमेंट टीम होनी चाहिए ।
9.फायर, भूकंप, साइक्लोन, बादल
फटने जैसी स्थिति में रेस्क्यू की क्या व्यवस्था
हैं, कहीं
स्कूल ऐसी जगह पर तो नहीं है जहां लैंड स्लाइड की संभावना हो ।
10.क्या
स्पोर्ट्स फैसिलिटी पर कंपीटेंट अथॉरिटी से एनओसी लिया है, स्पोर्ट्स
ऐक्टिविटी के लिए स्टाफ का पुलिस वेरिफेकिशन किया है या नहीं, कोच क्वॉलिफाइड है या नहीं ।
11.स्कूल
में ट्रॉमा मैनेजमेंट टीम होनी चाहिए । इमरजेंसी में डॉक्टर को तुरंत बुलाने
का इंतजाम हो, स्टूडेंट्स का रेग्युलर हेल्थ चेकअप
होना चाहिए । स्कूल का नजदीकी हॉस्पिटल से टाइअप
हो, मेडिकल रूम मेडिकल इमर्जेंसी से निपटने के लिए इक्विप्ड होना चाहिए ।
मित्रों,यहाँ
हमनें आपको स्कूल से सम्बंधित सेफ्टी गाइडलाइंस के बारे में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है तो कम्मेंट बाक्स के
माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का
इंतजार है |
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