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Feb 26, 2018

दूरस्थ शिक्षा वाली डिग्री भी रेगुलर के बराबर मानी जा सकती है - पढ़े पूरी न्यूज़

दूरस्थ शिक्षा वाली डिग्री भी रेगुलर के बराबर मानी जा सकती है
आज सभी विषयों में ग्रैजुएशन तथा मास्टर डिग्री कोर्स के अलावा अनेक सर्टीफिकेट कोर्स एवं डिप्लोमा भी पत्राचार माध्यम से दूरस्थ शिक्षा के रूप में उपलब्ध हैं । इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को सभी संबंधित विषयों का बुनियादी ज्ञान प्रदान करना होता है।

हाल ही में यूजीसी ने एक ऐसी मंसा प्रकट की  है, जिसमें देश में लर्निंग डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से प्राप्त की गयी डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स को रेगुलर कोर्स के बराबर मान्यता दी जाए, इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है ।


दूरस्थ शिक्षा वाली डिग्री रेगुलर के समतुल्य
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक निर्देश जारी किए है, जिसमें देश में लर्निंग डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से प्राप्त की गयी डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स को भी रेगुलर कोर्स के बराबर मान्यता दी जाए । यूजीसी ने कहा है, कि भारत सरकार ने मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा की अहम भूमिका है ।

मुक्त और दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता स्तर में कमी लाए बिना उच्च शिक्षा के प्रसार में सहयोग कर रही है । यूजीसी या डीईसी से मान्यता प्राप्त किसी भी डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट को नियमित कोर्स के बराबर मान्यता दी जाएगी ।

यूजीसी के अनुसार, इसे कानूनी रूप से वैध बनाने के लिए पिछले साल ही यूजीसी मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा नियमन 2017 को अधिसूचित किया जा चुका है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है, कि इंजीनियरिंग, मेडिसिन, डेंटल, फॉर्मेसी, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी एवं आर्किटेक्चर जैसे प्रायोगिक प्रशिक्षण वाले कार्यक्रमों को मुक्त एवं डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से नहीं किये जा सकते है।


गुणवत्ता स्तर में सुधार
विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को सुधारने के लिये केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें नवीन व्यापक दृष्टिकोणों एवं रणनीतियों को बना रहे हैं,  कुछ विशेष कार्यक्षेत्रों में अध्यापकों, कक्षा कक्ष में अपनाई जाने वाली कार्यविधियों, छात्रों में ज्ञान के मूल्यांकन एवं निर्धारण, विद्यालयी अवसंरचना, विद्यालयी प्रभावशीलता एवं सामाजिक सहभागिता से संबंधित मुद्दों पर कार्य  किया जा रहा  है ।

मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी घोषणा की थी कि "देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता होगा।" स्कूलिंग की बजाय ज्ञानार्जन पर ध्यान स्थानांतरित करने का अर्थ इनपुट से नतीजों पर ध्यान देना होगा ।

यहाँ आपको हमनें दूरस्थ शिक्षा वाली डिग्री रेगुलर के बराबर मान्यता दिए जाने के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया का इंतजार है |

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