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Oct 6, 2018

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) TGT/PGT भर्ती परीक्षा कैसे पास करे – जानिये

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) TGT/PGT भर्ती परीक्षा 
केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन, भारत में एक प्रधान संरचना है जो कि देशभर में लगभग 1125 विद्यालयों का संचालन करता है, उन्हें  “केन्‍द्रीय विद्यालय” के नाम से जाना जाता हैं, इन विद्यालयों में लगभग  11 लाख्‍ छात्र-छात्राएं एवं लगभग 55 हजार अधिकारी/कर्मचारी हैं । केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक  संस्‍था है, जिसका शुभारम्भ वर्ष   1963 में हुआ था, भारत में कुल 1125 विद्यालय हैं, जिनका संचालन 25 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से किया जाता है । केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ उन 25 क्षेत्रीय कार्यालयों मे से एक है, जो कि उत्‍तर प्रदेश में स्थित केन्‍द्रीय विद्यालयों में से 43 केन्‍द्रीय विद्यालयों को संचालित करता है । केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन एवं इसके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की अध्‍यक्षता माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री महोदय द्वारा अध्‍यक्ष के रूप में की जाती है ।


टीजीटी और पीजीटी
यह परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित की जाती है, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली में यह परीक्षा लोकप्रिय है, टीजीटी अध्यापक बननें के लिए स्नातक और बीएड होना अनिवार्य है, जबकि पीजीटी अध्यापक बननें हेतु परास्नातक के साथ-साथ  बीएड की डिग्री अनिवार्य  है, टीजीटी शिक्षक कक्षा 6 से 10वीं के बच्चों को पढ़ाते हैं, और पीजीटी शिक्षक सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी के छात्रों को पढ़ाते है |

यूपी टीजीटी और पीजीटी हेतु अयुमापदंड   
1.सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा 40 वर्ष |
2.अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा 43 वर्ष |
3.अनुसूचित जाती / जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा 45 वर्ष |
4.दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु 47 वर्ष निर्धारित है |


उत्तर प्रदेश टीजीटी परीक्षा प्रक्रिया  
1.लिखित परीक्षा (Written exam) |
2.साक्षात्कार (Interview) |
एक वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र दो भागों में आयोजित किया जाएगा, प्रथम  भाग में अंग्रेजी और हिंदी से संबंधित प्रश्न, द्वितीय भाग में सामान्य ज्ञान से सम्बंधित प्रश्न पूछें जाते है, यह सभी प्रश्न वैकल्पिक होते है ।

टीजीटी लिखित परीक्षा का विवरण
1.प्रत्येक विषय के अभ्यर्थियों के लिए अलग अलग परीक्षा का आयोजन किया जाता है, परीक्षा में कुल  बहुविकल्पीय प्रश्न पूछें जाते हैं |
2.प्रत्येक प्रश्न के 4 विकल्प होते हैं, तथा अधिकतम अंक 425 होते हैं, जिसमें नकारात्मक मूल्यांकन नहीं किया जाता है ।
3.इस प्रश्नपत्र के लिए अधिकतम समय 2 घंटा निर्धारित होता है । 


टीजीटी पाठ्यक्रम
हिंदी
हिन्दी साहित्य का इतिहास- आदिकाल, भक्तिकाल, (संत काव्य, सूफी काव्य, रामकाव्य, कृष्ण काव्य) रीतिकाल, आधुनिक काल, भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी क‌विता ।
हिन्दी गद्य साहित्य का विकास- निबन्ध, नाटक उपन्यास, कहानी, हिन्दी गद्य की लघु विधाएं-जीवनी, आत्मकथा, सस्मरण रेखा चित्र, यात्रा-साहित्य, गद्यकाव्य व्यग्य ।
हिन्दी के रचनाकार एवं उनकी रचनाऐं काव्य के भेद रस- अवयव भेद, छन्द, अलंकार, शब्दालंकार, अर्थालंकार, काव्यगुण, काव्य दोष ।
हिन्दी की बोलियॉ, विभाषाएं, हिन्दी की शब्द सम्पदा, हिन्दी की ध्वनियॉ देवनागरी लिपि नामाकरण, विकास विशेषताएं, त्रुटियॉ सुधार के प्रयत्न ।
व्याकरण, लिंग वचन, कारक, सन्धि, समास, वर्तनी, वाक्य, शुद्धिकरण, शब्द रूप-पर्यायवाची, विलोम, श्रुति समभिन्नार्थक शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द, मुहावरा, लोकोक्ति ।

संस्कृत
गद्य, पद्य एवं नाटक-अधोलिखित, ग्रन्थों के निर्धारित अंकों के आधार पर शब्दार्थ, सूक्तियॉ, -शब्दों की व्याकरणात्मक टिप्पणी, चरित्र चित्रण तथा ग्रन्थकर्ता का परिचयः- कादम्बरी-(शुकनासोपदेश मात्र), शिवराज विजयम्, (प्रथम निःश्वास), किरातर्जुनीयम् ( प्रथम सर्ग) मेघदूतम् (सम्पूर्ण) नीतिशतकाम् (सम्पूर्ण) अभिज्ञान शाकुन्तलम् (चतुर्थ अंक) और उत्तर राम चरितम् (तृतीय अंक)।

व्याकरण- डा0 राम बाबू सक्सेना कृत “संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका” के आधार पर सन्धि, समास, कारक एवं प्रत्याहार का परिचय, अकारान्त, इकारान्त उकारान्त, ऋकारान्त, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग एवं नपुंसक लिंग शब्दों का रूप,संस्कृत सुभाषित एवं सूक्तियों का परिज्ञान, वाक्य परिवर्तन और अशुद्वि परिमार्जन। -व्याकरण, अनुवाद, पद्य आदि की पाठन विधियो का सामान्य परिचय ।


भौतिक विज्ञान
मापन-एस0आई0पद्धति में मूल मात्रक व्युत्पन्न मात्रक, इकाईयों का एक पद्धति से दूरी पद्धति में परिवर्तन, विमीय विधि से समीकरणो का सत्यापन, अदिश एवं सदिश राशियॉ। गति एवं बल-सापेक्षिक गति, न्यूटन का सपेक्षिक गति का सिद्धान्त विस्थापन, चाल एवं वेग, रेखीय गति, कोणीय गति और उनका संबंध, सरल रेखीय गति सतत् एवं विभिन्न गतियॉ, जागत्व का सिद्धान्त, बल त्वरण, गति के समीरण, स्थितिज एवं गतिज उर्जा रेखी संवेग एवं कोणीय संवेग, उर्जा एवं संवेग का संरक्षण, स्थितिज एवं गतिज उर्जा का एक दूसरे में परिर्वतन |

रसायन विज्ञान
1.द्रव्य-प्रकृति एवं व्यवहार द्रव्य के प्रकार, तत्व एवं उनका वर्गीकरण (धातु एवं अधातु) यौगिक एवं उनके मिश्रण ।
2.रासायनिक संयोग के नियम-स्थिर, अपवत्र्य एवं व्युत्क्रम अनुपात का नियम, गैलुसक का गैसीय आयतन संबंधी नियम, मिशरलिक का समाकृतित्व का नियम ।
3.पदार्थ की संरचना-डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त, परमाणु, अणु एवं उनके अभिलक्षण ।
4.परमाणु संरचना-इलेक्ट्रान प्रोटान तथा न्यूट्रान की खोज। रदरफोर्ड का अल्फा किरण प्रकीर्णन प्रयोग तथा नाभिक की खोज ।
5.रदरफोर्ड, बोहर एवं समरफील्ड के परमाणु माडल। क्वाटम संख्याएं, आधुनिक परमाणु सिद्धान्त ।
6.रेडियों सक्रियता-रेडियों सक्रियता की खोज, रेडियों सक्रिय किरणें एवं उनके गुण, अद्र्धायु काल एवं औसत आयु, रेडियों सक्रिय क्षय के नियम, नाभिकीय विखण्डन एवं सलयन, कृत्रिम रेडियों सक्रियता ।


गणित
वणिज्य एवं गणित- काम समय और चाल समय, चक्रवृद्धि ब्याज, बैकिंग, कराधान, प्रारम्भिक नियमो का प्रवाह सचित्र संख्यिकी-बारंबारता बटन, सांख्यिकी आकड़ों का आलेखीय निरूपण, केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापे, विक्षेपण की मापे, जन्म/मृत्यु सांख्यिकी, सूचकांक बीज गणित-करणी, बहुपद और उनके गुणनखण्ड, लघुगणक |
 दो अज्ञात राशियो के रेखिय समीकरण, बहुपदों के महत्तम समापर्वतक और लघुत्तम समापवत्र्य एक घातीय तीन अज्ञात राशियों के युगपत समीकरण, द्विघात बहुपद के गुणनखण्ड, द्विघात समीकरण, अनुपात व समानुपात, संख्या पद्धति समुच्चय संक्रियाएं प्रतिचित्रण त्रिकोणमितीय सर्वतमिकायें, त्रिकोणमितीय समीकरण, त्रिभुज का हल, परिगम अन्त एवं वाहय वृत्तों की त्रिज्यायें एवं गुण, प्रतिलोम वृत्तीय फलनों के सामान्य गुण। तथा गुणनफल, डिमाइवर प्रमेय और इसका प्रयोग उचाई और दूरी, वृत्तीय फलन एवं हाइपर ।

भूगोल
1.सौर मण्डल-उत्पत्ति सौर मण्डल में पृथ्बी की आकृति एवं गतियां, पृथ्वी की गतियों के प्रभाव, सूर्य ग्रहण एवं चन्द्रग्रहण, अक्षांश देशान्तर का निरूपण, ग्लोब पर किसी स्थल की अवस्थिति का निर्धारण, स्थानीय एवं प्रामाणिक समय का वायु मण्डल-वायुमण्डल की संरचना, सर्यू ताप एवं उसे प्रभावित करने वाले कारक, तापमान का क्षैतिज एवं उध्र्वाकार वितरण, तापमान विलोमता, वायुदाव पेटियां एवं सनातन पवन, महत्वपूर्ण स्थानीय पवन, वर्षण की प्रक्रिया-वर्षा, पाला कुहरा आदि संवाहनिक, धरातलीय एवं चक्रवातीय वर्षा, विश्व के जलवायु प्रदेश, दैनिक मौसम मानचित्र में प्रयुक्त सकंतो की पहचान ।
2.जल मण्डल-महासागरो का उच्चावचन, महासागरीय तापमान एवं लवणता, महासागरीय धारायें उत्पत्ति प्रवाह दिशा एवं जलवायुविक प्रभाव, ज्वार भाटा प्रक्रियायें एवं उत्पत्ति के सिद्वान्त ।
3.जैव मण्डल-संरचना, वनस्पति के प्रकार एवं विश्व वितरण तथा संबंधित वन्य जन्तु भाग ।


इतिहास
पूरा ऐतिहासिक संस्कृतियां पूर्व पाषाण युग, मध्य पाषाण युग, नव पाषाण युग, इनकी प्रमुख विशेषताएं, प्राचीन युग-सिन्धु घाटी, सभ्यता प्रमुख विशेषताएं, वैदिक काल, पूर्व वैदिक काल, उत्तर वैदिक काल, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन, धार्मिक आन्दोलन जैन धर्म बौद्ध धर्म, भागवत धर्म, और शैव धर्म, मौर्यकाल राजीनति इतिहास, समाज एवं संस्कृति, गुप्त राजवंश राजनीति इतिहास, तैमूर का आक्रमण बहमनी साम्राज्य, सैय्यद एवं लोदी वंश, मुगल वंश बाबर, हुमायू अकबर, जहांगीर, शाहजहा और औरगंजेब, छत्रपति शिवाजी जीवन चरित्र एवं उपलब्धियां आधुनिक भारत (1858-1950 ई0) सन् 1857 ई0 में प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम का कारण, स्वरूप एवं परिणाम, उन्नीसवीं शताब्दी में भारतीय पुर्नजागरण तथा सामाजिक धार्मिक आन्दोलन, राष्ट्रीय आन्दोलन में  महात्मा गाँधी का योगदान, स्वतन्त्रता की प्राप्ति तथा विभाजन के बाद का भारत (सन् 1950 ई तक) । 


यूपी पीजीटी हेतु योग्यता
ऐसे अभ्यर्थी जिन्होनें किसी मान्यता प्राप्त संस्था से परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है, वह इस परीक्षा के लिए पात्र है |

परीक्षा पैटर्न
उत्तर प्रदेश टीजीटी की परीक्षा दो चरणों में संपन्न होती है-
1.लिखित परीक्षा (Written exam) |
2.साक्षात्कार (Interview) |

एक वस्तुनिष्ठ पेपर निम्नलिखित पर दो भागों में आयोजित किया जाता है-
1.प्रथम भाग में अंग्रेजी और हिंदी से संबंधित प्रश्न पूछें जाते है ।
2 .द्वितीय भाग में सामान्य ज्ञान, हिंदी और विषयों के अध्ययन के लिए चुनाव के रूप में |


पीजीटी परीक्षा पाठ्यक्रम
विषय
                                              विवरण



इंग्लिश
SECTION 1-LANGUAGE
a. Unseen Passage for Comprehension.
b. Part of speech, spelling, Punctution,Vocabulary, Tense, Narration, PreostionUsage, Transformation and Agreement.
SECTION 2- LITERATURE
a. Forms of literature
b. Authors and their work-Shakespeare,John Miltion,William Wordsworth  and John Glaswarthy.




हिंदी
हिन्दी साहित्य का इतिहास- आदिकाल, भक्तिकाल, (संत काव्य, सूफी काव्य, रामकाव्य, कृष्ण काव्य) रीतिकाल, आधुनिक काल, भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी क‌विता।
हिन्दी गद्य साहित्य का विकास- निबन्ध, नाटक उपन्यास, कहानी, हिन्दी गद्य की लघु विधाएं-जीवनी, आत्मकथा, सस्मरण रेखा चित्र, यात्रा-साहित्य, गद्यकाव्य व्यग्य।
2.हिन्दी के रचनाकार एवं उनकी रचनाऐं काव्य के भेद रस- अवयव भेद, छन्द, अलंकार, शब्दालंकार, अर्थालंकार, काव्यगुण, काव्य दोष।
3.हिन्दी की बोलियॉ, विभाषाएं, हिन्दी की शब्द सम्पदा, हिन्दी की ध्वनियॉ देवनागरी लिपि नामाकरण, विकास विशेषताएं, त्रुटियॉ सुधार के प्रयत्न ।
4.व्याकरण, लिंग वचन, कारक, सन्धि, समास, वर्तनी, वाक्य, शुद्धिकरण, शब्द रूप-पर्यायवाची, विलोम, श्रुति समभिन्नार्थक शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द, मुहावरा, लोकोक्ति ।


भौतिक विज्ञान
विमा एवं मापन-एस0आई0पद्धति में मूल मात्रक व्युत्पन्न मात्रक, इकाईयों का एक पद्धति से दूरी पद्धति में परिवर्तन, अदिश एवं सदिश राशियॉ, गति एवं बल-सापेक्षिक गति, न्यूटन का सपेक्षिक गति का सिद्धान्त विस्थापन, चाल एवं वेग, रेखीय गति, कोणीय गति और उनका संबंध, सरल रेखीय गति सतत् एवं विभिन्न गतियॉ, जागत्व का सिद्धान्त, बल त्वरण, गति के समीरण, स्थितिज एवं गतिज उर्जा रेखी संवेग एवं कोणीय संवेग, उर्जा एवं संवेग का संरक्षण, स्थितिज एवं गतिज उर्जा का एक दूसरे में परिर्वतन |





रसायन विज्ञान
द्रव्य-प्रकृति एवं व्यवहार द्रव्य के प्रकार, तत्व एवं उनका वर्गीकरण (धातु एवं अधातु) यौगिक एवं उनके मिश्रण ।
रासायनिक संयोग के नियम- स्थिर, अपवत्र्य एवं व्युत्क्रम अनुपात का नियम, गैलुसक का गैसीय आयतन संबंधी नियम, मिशरलिक का समाकृतित्व का नियम ।
पदार्थ की संरचना-डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त, परमाणु, अणु एवं उनके अभिलक्षण ।
परमाणु संरचना-
1.इलेक्ट्रान प्रोटान तथा न्यूट्रान की खोज, रदरफोर्ड का अल्फा किरण प्रकीर्णन प्रयोग तथा नाभिक की खोज ।
2.रदरफोर्ड, बोहर एवं समरफील्ड के परमाणु माडल, क्वाटम संख्याएं, आधुनिक परमाणु सिद्धान्त ।
3.रेडियों सक्रियता-रेडियों सक्रियता की खोज, रेडियों सक्रिय किरणें एवं उनके गुण, अद्र्धायु काल एवं औसत आयु, रेडियों सक्रिय क्षय के नियम, नाभिकीय विखण्डन एवं सलयन, कृत्रिम रेडियों सक्रियता। समस्थानिक, सम्भारी एवं समन्यट्रानिक ।



गणित
काम समय और चाल समय, चक्रवृद्धि ब्याज, बैकिंग, कराधान, प्रारम्भिक नियमो का प्रवाह सचित्र संख्यिकी-बारंबारता बटन, सांख्यिकी आकड़ों का आलेखीय निरूपण, केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापे, बहुपदों के महत्तम समापर्वतक और लघुत्तम समापवत्र्य एक घातीय तीन अज्ञात राशियों के युगपत समीकरण, द्विघात बहुपद के गुणनखण्ड, द्विघात समीकरण, अनुपात व समानुपात |
संख्या पद्धति समुच्चय संक्रियएं प्रतिचित्रण त्रिकोणमितीय सर्वतमिकायें, त्रिकोणमितीय समीकरण, त्रिभुज का हल, परिगम अन्त एवं वाहय वृत्तों की त्रिज्यायें एवं गुण, प्रतिलोम वृत्तीय फलनों के सामान्य गुण। तथा गुणनफल, डिमाइवर प्रमेय और इसका प्रयोग उचाई और दूरी सम्मिश्र राशियों के चरघातांकीय फलन, वृत्तीय फलन एवं हाइपर । 


भूगोल
1.सौर मण्डल-उत्पत्ति सौर मण्डल में पृथ्बी की आकृति एवं गतियां, पृथ्वी की गतियों के प्रभाव, सूर्य ग्रहण एवं चन्द्रग्रहण, अक्षांश देशान्तर का निरूपण, ग्लोब पर किसी स्थल की अवस्थिति का निर्धारण, स्थानीय एवं प्रामाणिक समय का वायु मण्डल-वायुमण्डल की संरचना, सर्यू ताप एवं उसे प्रभावित करने वाले कारक |
2.जल मण्डल- महासागरो का उच्चावचन, महासागरीय तापमान एवं लवणता, महासागरीय धारायें उत्पत्ति प्रवाह दिशा एवं जलवायुविक प्रभाव, ज्वार भाटा प्रक्रियायें एवं उत्पत्ति के सिद्वान्त ।
3.जैव मण्डल- संरचना, वनस्पति के प्रकार एवं विश्व वितरण तथा संबंधित वन्य जन्तु भाग । 






इतिहास
पुरा ऐतिहासिक संस्कृतियां पूर्व पाषाण युग, मध्य पाषाण युग, नव पाषाण युग, इनकी प्रमुख विशेषताएं |
प्राचीन युग- सिन्धु घाटी, सभ्यता प्रमुख विशेषताएं, वैदिक काल, पूर्व वैदिक काल, उत्तर वैदिक काल, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन, धार्मिक आन्दोलन जैन धर्म बौद्ध धर्म, भागवत धर्म, और शैव धर्म, मौर्यकाल राजीनति इतिहास |
सल्तनत की स्थापना- कुतुबुद्दीन ऐबक का योगदान, इल्तुत्मिश का मूल्यांकन, बलवन का जीवन चरित्र और उपलब्धियां अलाउद्दीन खिल्जी की उपलब्धियां, तुगलक वंश-गयासुद्दीन तुगलक, मोहम्मद बिन तुगलक, फिरोजशाह तुगलक, तैमूर का आक्रमण बहमनी साम्राज्य, सैय्यद एवं लोदी वंश, मुगल वंश बाबर, हुमायू अकबर, जहांगीर, शाहजहा और औरगंजेब, छत्रपति शिवाजी जीवन चरित्र एवं उपलब्धियां | आधुनिक भारत (1858-1950 ई0) सन् 1857 ई0 में प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम का कारण, स्वरूप एवं परिणाम, उन्नीसवीं शताब्दी में भारतीय पुर्नजागरण तथा सामाजिक धार्मिक आन्दोलन, राष्ट्रीय आन्दोलन में  महात्मा गाँधी का योगदान, स्वतन्त्रता की प्राप्ति तथा विभाजन के बाद का भारत (सन् 1950 ई तक) । 

यूपी टीजीटी और पीजीटी साक्षात्कार  
लिखित परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है, जिसका आयोजन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड, इलाहाबाद द्वारा किया जाता है |   


यूपी टीजीटी और पीजीटी फाइनल मेरिट  
अभ्यर्थी का अंतिम चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार प्राप्त अंको के योग के आधार पर होता है,यदि किसी अभ्यर्थी के साक्षात्कार में कम अंक प्राप्त करता है, और लिखित परीक्षा में अन्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा अच्छे अंक प्राप्त किया है,तो उन्हें  चयन से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि अंतिम चयन में लिखित परीक्षा का योगदान साक्षात्कार से अधिक माना जाता है |

वेतनमान (7वें वेतन आयोग)
पीजीटी अध्यापक
29,900 – रुपये, 104,400 (बेसिक ) से अधिक रुपये,  14,400 ग्रेड पे ।
टीजीटी अध्यापक
29,900 – रुपये, 104,400 (बेसिक ) से अधिक रुपये,  13,800 ग्रेड पे ।


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