क्या है कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) ?जानिये



क्या है कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) ?जानिये

सरकारी नौकरियों में लगभग कर्मचारियों को सेवानिवृति के पश्चात् पेंशन प्राप्त होती है | यह सरकार द्वारा प्रदान की गयी एक सुविधा है ,परन्तु प्राइवेट सेक्टर में नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद पेंशन मिलने के बारे में आपने कम ही सुना होगा | प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी यह बात नहीं जानते हैं ,कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा वर्ष 1995 में एक पेंशन योजना की शुरुआत की गई थी । जिसके तहत प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को पेंशन प्राप्त करने का प्रावधान है | इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन से सम्बंधित जानकरी प्रदान कर रहे है ,जिसके द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद प्राप्त होगी |

क्या है पेंशन योजना
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ ने वर्ष 1995 में एक पेंशन योजना को आरम्भ किया था । जिसमें ईपीएफओ द्वारा कहा गया ,कि नियोक्ता को अपने कर्मचारियों को उनके मूल वेतन के 8.33 फीसदी या 541 रुपये मासिक तौर पर या फिर इनमें से जो भी कम हो कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में देय होगा । इससे कर्मचारी को इस योजना में शामिल होने के वर्षों के आधार पर सीमित मात्रा में पेंशन पाने का अधिकार दिया गया था ।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। हाल ही में  सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार अब ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को उनके पीएफ फंड से मासिक पेंशन प्राप्त करने विकल्प दिया जाएगा।  सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को निर्देश दिया है कि ,वे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन प्राप्त करने की अनुमति दें । जबकि इस सुविधा का लाभ सिर्फ उन्ही कर्मचारियों को दिया जायेगा जो वर्ष 2014 से पहले के ईपीएफ सब्सक्राइबर्स हैं ।
कैसे बढाए अपनी पेंशन 
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश के अनुसार 1 सितंबर, 2014 से पहले जो भी ईपीएफओ से जुड़ा है, वह कर्मचारी इसका लाभ प्राप्त कर सकते है । जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 के बाद ईपीएफओ से जुड़े हैं ,और उनका वेतन 15,000 से अधिक है | वे पेंशन प्राप्त करने के योग्य  नहीं होंगे । जबकि 15,000 से कम के वेतन पर नौकरी शुरू करने वाले लोग ईपीएस में योगदान कर सकते हैं। पेंशन कर्मचारी पेंशन बढ़वाने के लिए अपनी कंपनी के माध्यम से ईपीएफओ के पास आवेदन कर सकते हैं ।

सैलरी में EPS की हिस्सेदारी
एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (ईपीएफ) के नियमों के अनुसार एंप्लॉयर को एंप्लॉयी को अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसद ईपीएफ में रखना होता है। इस 12 फीसद रकम का 8.33 फीसद हिस्सा एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (ईपीएस) में चला जाता है। वर्तमान में ईपीएफ पर प्रति माह 15,000 रुपये सैलरी की सीमा निश्चित है, इसलिए अभी ईपीएस में हर माह अधिकतम 1,250 रुपये का योगदान किया जा सकता है ।

किन्हें मिलता है पेंशन का लाभ
कर्मचारी की उम्र 58 साल पूरा होने के बाद पेंशन शुरू हो जाती है ,और पेंशन की रकम इस बात पर निर्भर करती है कि कर्मचारी ने कितने वर्ष नौकरी किया है ,और उसकी बेसिक सैलरी कितनी थी । यदि सर्विस के दौरान कर्मचारी की मौत हो जाती है ,तो पेंशन उसकी पत्नी को जीवनभर या जब तक वह दूसरी शादी नहीं करती है, मिलती रहेगी। साथ ही, दो बच्चों को पेंशन की 25 फीसद रकम मिलेगी । यदि पत्नी की भी मौत हो चुकी है ,तो इस स्थिति में कर्मचारी के देहांत के बाद उसके दो बच्चों को 25 वर्ष की उम्र तक पेंशन राशि का 75 फीसदी रकम मिलती रहेगी ,अगर बच्चे दो से ज्यादा हैं ,तो सबसे छोटे बच्चे के 25 वर्ष की उम्र पूरी करने तक यह सुविधा जारी रहेगी । यदि कोई कर्मचारी सेवा के दौरान स्थाई रूप से पूरी तरह विकलांग हो जाए तो उसे जीवनभर पूरी पेंशन मिलेगी।

दोस्तों , इस जानकारी के माध्यम से हमनें आपको प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को पेंशन प्राप्त करने से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है ,यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है, तो कमेन्ट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है |हमें आपके सवालों, प्रतिक्रिया और सुझाव का हमेशा इंतज़ार रहेगा |

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