भारत का अब अपना “नाविक सिस्टम” होगा शुरू–अमेरिकी GPS की तरह मिलेगी सटीक जानकारी
अमेरिकी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की तर्ज पर भारत,
ने अब अपना स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम विकसित किया है । इसरो ने हाल ही में अपने अपने सातवें और अंतिम
नेविगेशन सेटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया
।
ने अब अपना स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम विकसित किया है । इसरो ने हाल ही में अपने अपने सातवें और अंतिम
नेविगेशन सेटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया
।
इस नेविगेशन सेटेलाइट का नाम इंडियन रीजनल नेविगेशन
सेटेलाइट सिस्टम 1G है । इस सिस्टम को भारत में औपचारिक रूप से नाविक अर्थात नेविगेशन विद इंडियन
कॉन्स्टेलशन के नाम से जाना जाएगा । इसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार से बता
रहे है |
सेटेलाइट सिस्टम 1G है । इस सिस्टम को भारत में औपचारिक रूप से नाविक अर्थात नेविगेशन विद इंडियन
कॉन्स्टेलशन के नाम से जाना जाएगा । इसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार से बता
रहे है |
इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम
आई आर एन एस एस यानी इंडियन रीजनल नेविगेशन
सैटेलाइट सिस्टम भारत का पहला स्वदेशी जीपीएस सैटेलाइट सिस्टम है | इसमें अमेरिका
के 24 उपग्रहों के स्थान पर 7 उपग्रहों सें भारत को कवर किया जायेगा यह इतना सटीक
होगा ,की आपको गंतव्य के 20 मीटर दायरे की लोकेशन से अवगत करा देगा |
सैटेलाइट सिस्टम भारत का पहला स्वदेशी जीपीएस सैटेलाइट सिस्टम है | इसमें अमेरिका
के 24 उपग्रहों के स्थान पर 7 उपग्रहों सें भारत को कवर किया जायेगा यह इतना सटीक
होगा ,की आपको गंतव्य के 20 मीटर दायरे की लोकेशन से अवगत करा देगा |
अमेरिका का जीपीएस सिस्टम भी भारत में लगभग इतना ही सटीक है | यह भारत और उसके 1500 किलोमीटर के दायरे में
पड़ने वाले इलाकों से रियल टाइम पोज़िशनिंग जानकारी उपलब्ध कराएगा |
आई आर एन एस एस के डाटा को कार संचालन,
एयरक्राफ्ट, नौका संचालन, स्मार्टफ़ोन के अलावा और भी कई डिवाइसों हेतु प्रयोग किया
जाएगा |
पड़ने वाले इलाकों से रियल टाइम पोज़िशनिंग जानकारी उपलब्ध कराएगा |
आई आर एन एस एस के डाटा को कार संचालन,
एयरक्राफ्ट, नौका संचालन, स्मार्टफ़ोन के अलावा और भी कई डिवाइसों हेतु प्रयोग किया
जाएगा |