आईएएस (जिलाधिकारी) कैसे बने
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है | यह देश की एक कठिन व प्रतिष्ठित परीक्षा है । इस परीक्षा में लाखों युवा छात्र परीक्षा की तैयारी करते हैं ,और एक आई०ए०एस०(IAS) अफसर बनने का सपना देखते हैं । इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु हमें एक सटीक रणनीति और व्यवस्था के साथ तैयारी करनी होगी । यदि अभ्यर्थी इस परीक्षा की तैयारी स्नातक स्तर से शुरू कर दें तो, संभव है कि इस सेवा में जाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, और अभ्यार्थी सफलता पूर्वक इस प्रतिष्ठित सेवा में अपना भविष्य निर्धारित कर सकते हैं.
मुख्यत: इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु अभ्यर्थियों में शैक्षिक योग्यता के साथ –साथ अनुशासन व धैर्य का होना अति आवश्यक है, और एक समझदार अभ्यर्थी को इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यह निर्धारित कर लेना चाहिए कि, उसमे पर्याप्त व उचित योग्यता, अनुशासन और धैर्य है, जिससे वह इस परीक्षा में निश्चित सफलता प्राप्त कर सके । एक आई०ए०एस० परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु किस प्रकार तैयारी करनी चाहिए ,इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) क्या है?
भारतीय प्रशासनिक सेवा को संक्षिप्त रूप में आई०ए०एस० कहते है । यह आईपीएस, आईएफएस आदि जैसी 24 प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक है, यूपीएससी अभ्यर्थियों का चयन करने हेतु सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करती है । भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने गए एक अधिकारी को कलेक्टर, आयुक्त, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुखों के प्रमुख, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव आदि जैसे विविध भूमिकाओं में निवेश किया जाता है । इसमें न केवल अनुभव और चुनौतियां बल्कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करने का आईएएस एक अद्वितीय कैरियर विकल्प बनाते है
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परीक्षा पाठ्यक्रम
इसे लोकप्रिय आईएएस परीक्षा के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसे आधिकारिक रूप से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है । यूपीएससी सीएसई में तीन चरण होते है – प्रीमिम्स, मेन, और साक्षात्कार । भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होना प्रतिस्पर्धा पर विचार करना आसान नहीं है, लेकिन सही दृष्टिकोण के साथ अभ्यर्थी के लिए असंभव नहीं है
प्रारंभिक परीक्षा
सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट जिसे C-SAT कहते हैं यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का पहला चरण है । इस परीक्षा में तर्क और विश्लेषणात्मक के सवालों को हल करने में परीक्षार्थियों की योग्यता का आकलन किया जाता है | आईएएस प्रारंभिक परीक्षा में जिसमे दो पेपर होंगे, दोनों पेपर वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे और प्रत्येक 200 अंक के होंगे | यदि अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में सफल होते है , तो उन्हें फाइनल परीक्षा के लिए चुना जाता है |
पेपर
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विषय
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समय
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अंक
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1.
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सामान्य अध्यन
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2 घंटे
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200
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2.
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एप्टीट्यूड स्किल
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2 घंटे
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200
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पेपर 1 के पाठ्यक्रम
1.राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के वर्तमान घटनाओं ।
2.भारत और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास ।
3.भारतीय और विश्व भूगोल – शारीरिक, सामाजिक, भारत के आर्थिक भूगोल और दुनिया ।
4.भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकारों के मुद्दों, आदि |
5.आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि |
6.पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर |
पेपर-2 के पाठ्यक्रम
1. समझ (Comprehension)
2.संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल;
3.तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता
4.निर्णय लेने और समस्या को सुलझाने
5.सामान्य मानसिक योग्यता
6.मूल संख्यात्मक कार्यो (संख्या और उनके संबंधों, परिमाण के आदेश, आदि) , डेटा व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, टेबल, डेटा प्रचुरता आदि – दसवीं कक्षा के स्तर) |
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम
दूसरे चरण में अभ्यर्थी की शैक्षणिक प्रतिभा और उसके समझ की गहराई से मापा जाता है | उनकी यादाश्त और उनकी समझ के अतिरिक्त उनकी व्यापक बौद्धिक क्षमता और विश्लेषण करने की गुणवत्ता का परख किया जाता है
UPSC की प्रारम्भिक परीक्षा में 9 विषय होते है , जिसमे दो पेपर क्वालीफाइंग पेपर होते है और प्रत्येक 300 अंक के होते है | कोई भी भारतीय भाषा और अंग्रेजी यह दो पेपर पास करना अनिवार्य होता है