आईएएस (IAS) कैसे बने
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) भारत की अखिल भारतीय प्रशासनिक सिविल सेवा है । एक आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार, राज्यों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है | आईएएस की परीक्षा हमारे देश की सबसे कठिन परीक्षा है | प्रतिवर्ष लाखों छात्र इस परीक्षा में सम्मिलित होते है,परन्तु सफलता कुछ छात्रों को ही प्राप्त होती है | आईएएस परीक्षा में
सफलता प्राप्त करनें हेतु आपको सुनियोजित ढंग से प्लानिंग के साथ तैयारी की आवश्यकता होती है | आप एक आईएएस अधिकारी कैसे बन सकते है ? इससे सम्बंधित जानकारी आपको इस पेज पर विस्तार से दे रहे है |
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आईएएस (IAS) अधिकारी कैसे बनें
आईएएस अर्थात भारतीय प्रशासनिक सेवा का चयन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से किया जाता है | आईएएस अधिकारी बननें के लिए अभ्यर्थियों को केंद्रीय
लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है | यह आईपीएस, आईएफएस आदि जैसी 24 सेवाओं में प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक है | भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित अधिकारी को कलेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुखों के प्रमुख, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव आदि जैसे विविध भूमिकाओं में कार्य दिया जाता है |
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शैक्षणिक योग्यता (Education Eligibility)
आईएएस परीक्षा में सम्मिलित होनें के लिए आपके पास भारतीय नागरिक होने के साथ-साथ स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य है, इसमें यह आवश्यक नहीं है, कि आपके स्नातक में कितने प्रतिशत अंक है | किसी भी विषय से स्नातक है, तो आप आईएएस की परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं |
आयु सीमा(Age Limit)
आईएएस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष होनी चाहिए । आरक्षित वर्ग के अंतर्गत ओबीसी अभ्यर्थियों को आयु सीमा में 3 वर्ष तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को 5 वर्ष की छूट प्राप्त होती है |
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शारीरिक दक्षता (Physical efficiency)
आईएएस के लिए किसी विशेष शारीरिक दक्षता की आवश्यकता नहीं होती है, इस परीक्षा में शारीरिक रूप से स्वस्थ अथवा अनफिट कोई भी परीक्षा में सम्मिलित हो सकता है |
चयन प्रक्रिया (Selection Process)
आईएएस बनने हेतु आपको तीन प्रकार की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, जो इस प्रकार है-
1.प्रारंभिक परीक्षा (Civil Services Preliminary Exam)
आईएएस ऑफिसर बनने हेतु यह परीक्षा का पहला चरण है | इसमें परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते है | प्रथम प्रश्न पत्र में 200 अंक तथा द्वितीय प्रश्न पत्र में 200 अंक के प्रश्न पूछे जाते है | दोनों पेपर में वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछें जाते है | इन दोनों प्रश्न पत्रों में उत्तीर्ण होनें के बाद ही आपको मुख्य परीक्षा में सम्मिलित किया जाता है | प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यार्थियों के अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते है,तथा इसमें 1/3 निगेटिव मार्किंग होती है ।
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प्रश्न पत्र |
अंक |
समय |
सामान्य ज्ञान (General Knowledge) |
200 |
2 घंटा |
समझ और तार्किक तर्क(Comprehension and logical reasoning) |
200 |
2 घंटा |
2.मुख्य परीक्षा (Civil Services Mains Exam)
आईएएस परीक्षा का यह दूसरा चरण जिसे मेंस कहा जाता है, मेंस अर्थात मुख्य परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं, जिनमें से दो प्रश्न पत्रों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है, इसमें प्रत्येक प्रश्न पत्र के लिए तीन घंटे का समय निर्धारित होता है |
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पेपर |
विषय |
अंक |
1. |
निबंध |
250 |
2. |
सामान्य अध्ययन -1
(भारतीय विरासत और संस्कृति, इतिहास और दुनिया और समाज का भूगोल) |
250 |
3. |
सामान्य अध्ययन -2
(गवर्नेंस, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंध) |
250 |
4. |
सामान्य अध्यन -3
(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन) |
250 |
5. |
सामान्य अध्ययन -4 (नैतिकता, ईमानदारी और एप्टीट्यूड) |
250 |
6. |
वैकल्पिक विषय – पेपर 1 |
250 |
7. |
वैकल्पिक विषय – पेपर 2 |
250 |
|
कुल अंक |
1750 |
3.साक्षात्कार(Interview)
प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है, यह परीक्षा 275 अंकों की होती है | इस परीक्षा में अभ्यर्थी की व्यक्तित्व और मानसिक क्षमता का आकलन किया जाता हैं | इसके बाद सफल अभ्यर्थियों की अंतिम सूची तैयार की जाती है | अच्छी रैंक प्राप्त करनें वाले अभ्यर्थियों को मसूरी के राष्ट्रीय एकेडमी ऑफिस में भर्ती होते है, जिन्हें अब लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन(एलबीएसएनएए) के रूप में जाना जाता है | प्रशिक्षण के पूरा होने के पश्चात केंद्रीय और राज्य सरकारों की अपनी-अपनी क्षमता की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को पद प्राप्त होता है |
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आईएएस अधिकारी का वेतन(IAS Officer Salary)
भारत सरकार ने आईएएस अधिकारियो के लिए वेतन ग्रेड निर्धारित किया है, परन्तु यह समय-समय पर परिवर्तित होता रहता है | सातवें वेतन आयोग के आधार पर आईएएस अधिकारी का वेतन इस प्रकार है-
पद |
वेतन |
ग्रेड-पे |
जूनियर अधिकारियों |
50000-100000 |
16500 |
वरिष्ठ अधिकारी |
50000-150000 |
20000 |
जूनियर प्रशासनिक ग्रेड |
100000-200000 |
26000 |
चयन ग्रेड |
100000-200000 |
30000 |
कैबिनेट सचिव |
270,000 (निश्चित) |
NA |
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जिलाधिकारी के अधिकार (Rights to District magistrate)
जिलाधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक प्रमुख प्रशासनिक पद है । जिसे अंग्रेजी में “डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर” के नाम से जाना जाता है | जिलाधिकारी ‘ जिले में राज्य सरकार का सर्वोच्च अधिकार संपन्न प्रतिनिधि होता है। जो मुख्य जिला विकास अधिकारी के रूप में सारे प्रमुख सरकारी विभागों- पंचायत एवं ग्रामीण विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, अल्पसंख्यक कल्याण, कृषि, श्रम कल्याण, खनन, खेलकूद, पशुपालन, सहकारिता, परिवहन एवं यातायात, समाज कल्याण, सिंचाई, सार्वजनिक निर्माण विभाग, भू-संरक्षण, शिक्षा, महिला अधिकारता, ऊर्जा, उद्योग, स्थानीय प्रशासन आदि के सारे कार्यक्रमों और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन करवाने का अधिकार प्राप्त होता है ।
वह जिला मजिस्ट्रेट के रूप में पुलिस अधीक्षक के साथ जिले की संपूर्ण कानून-व्यवस्था का प्रभारी होता है, और सभी प्रकार के चुनावों का मुख्य प्रबंधक होनें के कारण उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त होते है । साथ ही वह भू-राजस्व-वसूलीकर्ता, भूअभिलेख-संधारक, नागरिक खाद्य व रसद आपूर्ति-व्यवस्थापक , जनगणना-आयोजक, प्राकृतिक-आपदा प्रबंधक, ई-गतिविधि नियंत्रित करनें का अधिकार प्राप्त होता है ।
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