भारत में युवाओ के स्किल्स डेवलप में कितनी रूचि है, और इसे डेवेलप करने में कितना धन खर्च किया जाता है | इस प्रकार के सवालो को जानने हेतु केंद्र सरकार द्वारा पहली बार एक सर्वे का शुभारम्भ करने जा रही है ,इस सर्वे के द्वारा लोगो के स्किल्स के बारे जानकारी प्राप्त की जाएगी | इस सर्वे की समय अवधि चार माह है | इसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |
स्किल्स डेवलपमेंट सर्वे -'स्किल्स स्टॉक सर्विसेज'
केंद्र सरकार ने भारतीय युवाओ में स्किल्स के बारे में जानने हेतु एक सर्वे कराने की जा रही है | इस सर्वे का नाम 'स्किल्स स्टॉक सर्विसेज' है । इससे भारतीय लोग कितने स्किल्ड हैं ? भर्तिया लोग किन तरीकों से ट्रेनिंग लेना चाहते हैं | इससे स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम्स को लेकर लोगों में जागरूकता के स्तर के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी ।
इस सर्वे से लोगों की लॉन्ग टर्म और शॉर्ट ट्रेनिंग तक कितनी पहुंच है और किन क्षेत्रों में युवा स्किल प्रोग्राम्स में सम्मिलित होते है , इसके बारे में जानकारी मिलेगी । भारतीय युवाओ में स्किल डिवेलपमेंट कोर्सेज करने की इच्छा के बारे में सर्वे के माध्यम से जानकारी प्राप्त होगी ।
NSDC के एमडी मनीष कुमार के अनुसार, इस सर्वे को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी और नैशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन मिलकर करेंगे । इस सर्वे को 1, 60,000 से अधिक हाउसहोल्ड के साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला स्तर पर भी किया जाएगा । इससे सरकार को 'स्किल इंडिया' प्रोग्राम के लिए बेहतर कार्य योजना बनाने में सहायता प्राप्त होगी |
'CMIE द्वारा देश में हाउसहोल्ड सर्वे प्रत्येक तिमाही किया जाता है, जिससे बेरोजगारी दर से लेकर कंज्यूमर सेंटीमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त होती है । इस सर्वे के लिए अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के तरीके का प्रयोग किया जाएगा , अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों के स्किल के बारे में जानकारी इस सर्वे से प्राप्त की जाती है । मई 2018 तक इस सर्वे के आंकड़ों को केंद्र सरकार को दे दिया जाएगा । देश के टॉप इकनॉमिस्ट्स ने स्किल स्टॉक सर्वे के लिए CMIE की पद्धति अपनाने की सलाह दी थी।
नैशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के 2015 के सर्वे के अनुसार
नैशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के 2015 के सर्वे के अनुसार, 15-59 से आयु वर्ग के लोगों में से सिर्फ 2.2 पर्सेंट लोगों की औपचारिक ट्रेनिंग तक पहुंच थी , जबकि, भारत में जॉब ट्रेनिंग के माध्यम से स्किल विकसित करने की सभ्यता है , इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान के माध्यम से जिला स्तर पर इकनॉमिस्ट क्लस्टर की स्थिति के अनुसार इंडस्ट्री की डिमांड का अध्ययन कर रही है ।
इसकी शुरुआत उत्तराखंड से की गई है । देश में स्किल रिक्वायरमेंट की मांग को समझने हेतु सरकार द्वारा यह सर्वे अनिवार्य किया गया है । इसमें कंस्ट्रक्शन और ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले लोगो से बातचीत की जायगी ।
सितंबर माह में स्किल डिवेलपमेंट ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप मिनिस्टर के रूप में कार्यकाल संभालने के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था, 'हमारे देश में स्किल्ड वर्कफोर्स की गिनती करने कोई ठोस पैमाना नहीं है । उन्होंने कहा था कि मिनिस्ट्री का फोकस स्किल इंडिया के लिए मोमेंटम पैदा करने के साथ ही इस पर भी होगा कि देश में स्किल्ड लोगों की वास्तविक संख्या जानने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए ।
पिछले 5 वर्षों में 'ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के जॉब और स्किल ट्रेनिंग की फ्लैगशिप स्कीम 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' के माध्यम से टारगेट के अनुसार प्लेसमेंट कम हुआ है ,जबकि इस संख्या में निरंतर सुधार हो रहा है ,और इस स्कीम में सम्मिलित होने वाले 40 प्रतिशत लोगों को जॉब उपलब्ध हो रही है ।
मित्रों,यहाँ आपको हमनें 'स्किल्स स्टॉक सर्विसेज' के बारे में बताया |यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है ,तो कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का इंतजार है |
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