विधान
सभा का सदस्य वह प्रतिनिधि है ,जिसे भारतीय संविधान प्रणाली के अंतर्गत एक निर्वाचन
क्षेत्र से मतदाताओं द्वारा किसी राज्य के विधानमंडल के लिए चुना जाता है । विधायक
का चयन विधानसभा के लिए किया जाता है और उन्ही विधायक मे से विधयाको द्वारा किसी
एक को राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री के लिए नामित किया जाता है.
विधान
सभा में विधायक संसद के सदस्यों के बराबर होते हैं ,जो राज्य के सर्वोच्च कानून
बनाने वाली संस्था का एक हिस्सा होते है । आप एक
विधयाक कैसे बन सकते है ? इसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |
विधायक बनने के लिए योग्यता मानदंड
1.विधायक
पर हेतु नामांकन करने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है ।
2.उम्मीदवार
की आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये |
3.विधायक
बननें वाले उम्मीदवार को उस राज्य में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना आवश्यक
है |
4.चुनाव
लड़नें वाले व्यक्ति को भारत सरकार के अंतर्गत किसी भी लाभ पद पर आसीन नहीं होना
चाहिए ।
5.चुनाव
लडने वाले व्यक्ति का मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है ।
6.लोकप्रतिनिधित्व
अधिनियम, 1951 के अनुसार ,यदि विधायक
दोषी पाया जाता है ,तो उन्हें उस पद से तत्काल हटाया जा सकता है ।
विधायक की चुनाव प्रक्रिया
1.प्रत्येक
पांच वर्ष की अवधि के पश्चात आम चुनाव घोषित किये जाते हैं ।
2.जनसंख्या
के आधार पर प्रत्येक राज्य को अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया
है।
3.चुनाव
लड़ने वाले उम्मीदवार को 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों द्वारा वोट दिया जाता है ।
4.एक
निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या निश्चित नहीं होती है
|
5.चुनाव
लड़ने वाले उम्मीदवार का किसी राजनीतिक दल से संबद्ध होना आवश्यक नहीं है ,वह स्वतंत्र
उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं ।
6.विधायक
का चयन उसी क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा होता हैं |
7.राज्य
के राज्यपाल के पास एंग्लो-भारतीय समुदाय के सदस्य को नामांकित करने की कार्यकारी
शक्ति होती है |
8.निर्वाचित
विधायक, विधानसभा में अपने-अपने
निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
विधायक का मासिक वेतन और मिलने वाली सुविधाएँ सुविधाएं
एक
विधायक को वेतन के रूप में 75 हजार
रूपए दिए जाते है ,इसके अतिरिक्त 24 हजार
रूपए डीजल खर्च, छह
हजार रूपए पीए खर्च, छह
हजार रूपए चिकित्सा खर्च, छह
हजार रूपए मोबाइल समेत कुल मिलाकर करीब 1 लाख 87
हजार
रूपए प्रतिमाह मिलते हैं । इसमें आने जाने,
सरकारी
आवास में रूकने, खाने-पीने
का खर्च सम्मिलित है । विधायको को वेतन देने में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है ।
उत्तर
प्रदेश में एक विधायक को विधायक निधि के रूप में पांच साल के अंदर साढ़े सात करोड़
रूपए मिलते हैं | विधायको को रेलवे में विधायक के साथ एक परिजन को फ्री में यात्रा
कराने का अधिकार है । पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद लग्भग 30
हजार
रूपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है , वहीं आठ हजार रूपए डीजल खर्च के रूप में मिलते हैं
|
मित्रों
,यहाँ हमनें आपको विधायक बननें के बारे में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में
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