भारत के इंजीनियरिंग छात्रों की योग्यता से सम्बंधित अनेक प्रश्न उठ चुके है, जिसे देखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इस वर्ष आयोजित होने वाली इंजीनियरिंग परीक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है|
इन नए नियमों के अंतर्गत इंजीनियरिंग परीक्षा में विवरणात्मक प्रश्नों के स्थान पर उनकी समझ और कौशल को जांच परख करने वाले प्रश्न पूंछे जाएंगे, इंजीनियरिंग परीक्षा में होने जा रहे इस परिवर्तन के बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |
नई पद्धति को लेकर लिया जा सकता है निर्णय
इंजीनियरिंग की परीक्षा के गिरते हुए स्तर में सुधार लाने के लिए एआईसीटीई ने एक समिति को गठित किया था, समिति की रिपोर्ट में छात्रों के कौशल और निर्णल लेने की क्षमता की जाँच करने वाले सवाल पूछने, सिद्धांतों से अधिक क्रियान्वयन पर ध्यान देने और परिस्थितिजन्य सवाल पूछने समेत कई सुझाव दिए हैं, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों, निदेशकों और शिक्षकों के साथ एआईसीटीई ने एक बैठक आयोजित की है, जिसमें परीक्षा की इस नई पद्धति को लेकर निर्णय लिया जा सकता है ।
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल के अनुसार
इंजीनियरिंग कॉलेज लखनऊ के प्रधानाचार्य के अनुसार, ऐसा परिवर्तन होने से निश्चित रूप से इंजीनियरिंग के लिए अच्छे युवा सामने आएंगे, जिससे इंजीनियरिंग परीक्षा के गिरते स्तर को इस नई पद्यति के माध्यम से सुधारा जा सकता है ।
प्रत्येक वर्ष लगभग 1.5 मिलियन छात्र इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करते हैं, जिनमें एक छोटा हिस्सा ही डिग्री पाने के तुरंत बाद नौकरी प्राप्त करनें में सफल होते है ।
यहाँ आपको हमनें इंजीनियरिंग परीक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया का इंतजार है |
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