इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री एक्सपोजर देने के लिए अब इंटर्नशिप कराई
जाएगी । यह निर्णय एमएचआरडी और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा
लिया गया है । एआईसीटीई के चेयरमैन कहा कि ,एआईसीटीई की स्टडी के अनुसार 40
फीसदी इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स रोजगार प्राप्त करने की योग्यता रखते है |
ऑल
इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने इंजिनियरिंग छात्रों हेतु मॉडल
करिक्युलम की शुरुआत की है , जिससे इंजिनियरिंग के छात्रों को इस वर्ष से
किताबों के अतिरिक्त प्रैक्टिकल और फील्ड विजिट कर ,उससे प्राप्त होने वाले
अनुभव के बारें में जानकारी प्राप्त कर सकें | इस मॉडल करिक्युलम में
मैनेजमेंट के छात्रों को भी सम्मिलित किया गया है | इंजिनियरिंग छात्रों के
लिए अनिवार्य इंटर्नशिप और पाठ्यक्रम में किस प्रकार परिवर्तन हुए है ,इसके
बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |
स्टूडेंट्स के लिए होगी इंटर्नशिप अनिवार्य
इंजिनियरिंग छात्रों के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने हाल ही
में मॉडल करिक्युलम जारी किया है । जिसके अंतर्गत छात्रों को प्रैक्टिकल नॉलेज
और वैल्यू एजुकेशन पर फोकस किया गया है । इंजिनियरिंग के छात्र ,किताबों के
अतिरिक्त प्रयोगात्मक अनुभव और फील्ड विजिट अनुभव को सम्मिलित किया गया है |
आज के समय में लगभग सभी प्रोफेशनल कोर्स में इंटर्नशिप का प्रावधान है ।
इन
इंटर्नशिप के माध्यम से छात्र अपनी स्किल और नॉलेज दोनों को बढ़ाते हैं, लेकिन
तकनीकी शिक्षा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था । कुछ कॉलेजों ने अपने स्तर पर
तीन से चार हफ्ते की ट्रेनिंग की व्यवस्था की है, जिसमें स्टूडेंट्स अपने स्तर
पर कंपनियों में इंटर्नशिप करते हैं और स्थानीय कंपनी से सर्टिफिकेट ऑफ
ट्रेनिंग बनवा लेते हैं ,जिसके कारण छात्रों को रोजगार प्राप्त करनें में
सहायता प्राप्त होगी ,और रोजगार प्राप्त करने की संख्या में वृद्धि होगी |
करिक्युलम में परिवर्तन
इस वर्ष से सभी इंजिनिरिंग कॉलेजों में मॉडल करिक्युल में परिवर्तन कर दिया
गया है | बीटेक में छात्रों के लिए 220 क्रेडिट पॉइंट को घटाकर 160 क्रेडिट कर
दिया गया है | इससे छात्रों को प्रयोगात्मक अनुभव प्राप्त करने का अवसर अधिक
प्राप्त होंगे | पोस्ट ग्रैजुएट के दो वर्ष के पाठ्यक्रम में ,एक वर्ष अध्यन
हेतु और एक वर्ष प्रयोगात्मक हेतु निर्धारित किया गया है |
प्रयोगात्मक के अंतर्गत छात्रों को इंडस्ट्री और सोसाइटी में जाने के अवसर प्राप्त होंगे ,जिससे छात्रों में प्रयोगात्मक अनुभव की वृद्धि होगी | पाठ्यक्रम में इस प्रकार के परिवर्तन से लगभग सभी इंजिनिरिंग कॉलेजों ने सहमति प्रदान की है ।
प्रयोगात्मक के अंतर्गत छात्रों को इंडस्ट्री और सोसाइटी में जाने के अवसर प्राप्त होंगे ,जिससे छात्रों में प्रयोगात्मक अनुभव की वृद्धि होगी | पाठ्यक्रम में इस प्रकार के परिवर्तन से लगभग सभी इंजिनिरिंग कॉलेजों ने सहमति प्रदान की है ।
करिक्युलम के अंतर्गत इंटर्नशिप करना अनिवार्य अनिवार्य
सभी छात्रों को मॉडल करिक्युलम के अंतर्गत इंटर्नशिप करना अनिवार्य है । सेकंड
सेमेस्टर के बाद समर वकेशन में 4-6 सप्ताह का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण कराया
जायेगा औए चौथे सेमेस्टर के पश्चात समर वकेशन में चार से छः सप्ताह की
इंटर्नशिप होगी जो इंडस्ट्री, सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों के साथ हो सकती
है ।
छठे सेमेस्टर के बाद समर वकेशन में छः से आठ सप्ताह की इंटर्निशिप होगी, छठे और आठवें सेमेस्टर में भी प्रॉजेक्ट वर्क अनिवार्य होगा । इंटर्नशिप अधिकतम 14 क्रेडिट की होगी ,जिसे फुलटाइम या पार्टटाइम किया जा सकता है । एक क्रेडिट का निर्धारित समय 40-45 घंटे होगा ।
छठे सेमेस्टर के बाद समर वकेशन में छः से आठ सप्ताह की इंटर्निशिप होगी, छठे और आठवें सेमेस्टर में भी प्रॉजेक्ट वर्क अनिवार्य होगा । इंटर्नशिप अधिकतम 14 क्रेडिट की होगी ,जिसे फुलटाइम या पार्टटाइम किया जा सकता है । एक क्रेडिट का निर्धारित समय 40-45 घंटे होगा ।
सरकारी, गैरसरकारी, स्टार्टअप या एमएसएमई के साथ इंटर्नशिप, ऐक्स्ट्रा
करिक्युलम ऐक्टिविटी, वॉलनटिअरी कम्युनिटी सर्विस, कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप और
कॉम्पिटिशन में भागीदारी, इंस्टिट्यूट की इनोवेशन सेल में भागीदारी और रिसर्च
प्रॉजेक्ट को अनिवार्य रूप से सभी छात्रों को करना होगा |
कम्युनिटी सर्विस
में लोकल स्कूल को अच्छा परिणाम प्राप्त करने और पंजीकरण वृद्धि हेतु में
प्लान तैयार करना ,जिसमें वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम बनाने, टूरिजम बढ़ाने के लिए
नए प्रयोग करने जैसी ऐक्टिविटी को सम्मिलित किया जा सकता है ।
शिक्षको को एक वर्ष का प्रशिक्षण अनिवार्य
इंजिनियरिंग स्टूडेंट्स की योग्यता को लेकर अनेक बार इंडस्ट्री की और से
प्रश्न उठाए गए । जिसके परिणाम स्वरुप यह प्लान तैयार किया गया | तकनिकी
शिक्षको के प्रशिक्षण के लिए भी नैशनल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है
,जिसे अनुमानतः अगले माह एआईसीटीई को दे दिया जाएगा ।
इस प्रशिक्षण के अंतर्गत
शिक्षकों को ड्यूटी जॉइन करने से पहले एक वर्ष का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य
होगा | नैशनल पॉलिसी को लागू करने हेतु एक नैशनल एपेक्स बॉडी और एआईसीटीई में
ब्यूरो बनाने का प्रस्ताव रखा गया है ।
मित्रों,यहाँ हमने आपको इंजिनियरिंग छात्रों के लिए इंटर्नशिप और परिवर्तित
हुए पाठ्यक्रम के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न
आ रह है तो, कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा
की गई प्रतिक्रिया का इंतजार है |
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