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Jan 18, 2018

अब आप भी कर सकेंगे ग्रेजुएशन ऑनलाइन माध्यम से -जाने पूरी बात क्या है

अब आप भी कर सकेंगे ग्रेजुएशन ऑनलाइन माध्यम से
भारत में शिक्षा स्तर की वृद्धि के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे है | छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु सरकार ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने जा रही है , और गैर तकनीकी विषयों में ऑनलाइन डिग्री प्रदान की सुविधा देने जा रही है , इन सब के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य, उच्च शिक्षा में छात्रों के प्रवेश दर को बढ़ाना है | इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |


उच्च शिक्षा में ऑनलाइन डिग्री
देश में उच्च शिक्षा में छात्रों की प्रवेश दर लगभग 25 प्रतिशत है , जिसे सरकार बढ़ाकर 32 प्रतिशत करना चाहती है | यह प्रवेश दर बढ़ने के लिए सरकार अब ऑनलाइन पाठ्यक्रमों हेतु नियम बनाने जा रही है ,जिसके अंतर्गत गैर तकनीकी विषयों में ऑनलाइन डिग्री देने की व्यस्था की जा रही है। हाल ही में केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड द्वारा दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया था ,जिसमें उच्च शिक्षा से सम्बंधित अनेक विषयों पर विचार-विमर्श के दौरान ,उच्च शिक्षा में ऑनलाइन डिग्री देने का निर्णय लिया गया । 

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के अनुसार, वर्तमान में उच्च शिक्षा में प्रवेश दर लगभग 25.2 प्रतिशत है , और हमारा प्रयास है कि, आगे आने वाले पांच वर्षों में यह प्रवेश दर लगभग 32 प्रतिशत करना चाहते हैं । इसके लिए नये विश्वविद्यालय कालेज खोले जायेंगे और शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर किया जायेगा | किसी राज्य में प्रवेश दर 54 प्रतिशत है ,और किसी में 14 से 16 प्रतिशत तक |

इस प्रकार के असंतुलन को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से दूर किया जायेगा । इसके लिए गैर तकनीकी पाठ्यक्रम में ऑनलाइन सर्टिफिकेट डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्सेस शुरू किये जायेंगे ,और ऑनलाइन शिक्षा के नियम बनाये जायेंगे । इसके लिए प्रत्येक राज्य एक योजना बनाएगा और इसके नियमों को तैयार किया जायेगा |


ए प्लस , ए प्लस प्लस राकिंग की मान्यता
जिन संस्थानों को ए प्लस या ए प्लस प्लस ग्रेड मिला होगा वही ऑनलाइन कोर्स ऑफर कर सकेंगे । इस ग्रेड में देश के लगभग सभी शीर्ष 50 संस्थान आ जाएंगे। यह ओपन ऐंड डिस्टेंट लर्निंग ऑनलाइन कोर्स होंगे ,वर्तमान में जो पाठ्यक्रम पत्राचार के माध्यम से होते हैं ,उनकी एक तय सीमा होती है । ऑनलाइन कोर्स में कोई सीमा नहीं होगी , कोई भी स्टूडेंट देश के किसी भी हिस्से में या फिर विदेश में कहीं भी बैठकर ऑनलाइन कोर्स के जरिए डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट ले सकेगा । इसका पाठ्यक्रम  और परीक्षा किस प्रकार लेनी है ,यह उस संस्थान या विश्वविद्यालय के ऊपर निर्भर होगा ।

स्वयं प्लेटफार्म  के माध्यम से लगभग 600 कोर्स की शिक्षा दी जा रही है , जिससे लगभग 17 लाख छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे है ।  उन्नत भारत योजना के अंतर्गत अब छात्र अपने आसपास के गाँव में जाकर लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देंगे, और स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे । इस तरह वे सामाजिक सेवा भी देंगे। भारतीय प्रबंधन संस्थान को स्वायत्ता देने वाले विधेयक के संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं , और यह कानून एक फरवरी तक लागू हो जायेगा ।


यह होंगे नियम
1.प्रत्येक राज्य ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए एक योजना बनाएगा ।

2.ऑनलाइन कोर्स की अनुमति उन्हीं संस्थानों को दी जाएगी, जिनको नैक का ए प्लस, ए प्लस प्लस रैंक मिला हो ।

3.प्रत्येक शिक्षण संसथान को यह अनुमति होगी कि ,वह पंद्रह प्रतिशत प्रवेश ऑनलाइन कोर्स के लिए दे ।


उच्च शिक्षा से वंचित ना जाएँ छात्र
जावडेकर ने बताया कि कोई गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होगा । पिछले तीन सालों में 24 लाख छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए बैंकों से कर्ज लिया, जिसका ब्‍याज मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिया |

मित्रों, यहाँ हमनें आपको उच्च शिक्षा ऑनलाइन माध्यम से करनें के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है , तो कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का इंतजार है |


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