मित्रों,प्रतिस्पर्धा
के इस युग में लोग अति तीव्रता से आगे की ओर अग्रसर है | इस प्रतिस्पर्धा के कारण
आप शैक्षिक योग्यता के लिए अच्छे से अच्छे
शिक्षण संस्थान का चयन करते है ,यदि इस चयन प्रक्रिया में कोई गलती हो जाती है ,तो
जीवन का एक सुनहरा अवसर खो देते है ,इसलिए अपने भविष्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर
करने हेतु किसी भी शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेने से पूर्व उसके बारे में
सम्पूर्ण जानकारी लेना आवश्यक है |
हाल ही
में कुछ ऐसा ही हुआ, जिसमें हजारो छात्रों के भविष्य अंधकार में आ गया | अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित 17 सरकारी
अकादमिक संस्थान शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पादित कर रहे हैं ,जो केंद्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, और इससे लाखो की संख्या
में छात्र डिग्री प्राप्त कर चुके है | इन अमान्य संस्थानों से डिग्री लेने के
पश्चात क्या होगा ? इसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित 17 सरकारी अकादमिक संस्थान
अमान्य
अलीगढ़
मुस्लिम यूनिवर्सिटी और अन्य 17 ऐसे सरकारी अकादमिक संस्थाए है ,जिन्हें केंद्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मान्यता प्राप्त नहीं हैं और अब तक लगभग 7000 से अधिक छात्र बैचलर और
मास्टर्स डिग्री प्राप्त कर चुके हैं | इन संस्थानों के अमान्य घोषित होने के
पश्चात ,यहाँ से डिग्री प्राप्त कर चुके छात्रों के भविष्य का क्या होगा ? यह एक
गंभीर समस्या है |
इस
समस्या को सरकार ने कानून बनाकर वैध करने का फैसला लिया है । एचआरडी मिनिस्ट्री ने
सेंट्रल या स्टेट यूनिवर्सिटीज और शिक्षा संस्थानों की तरफ से चलाए जा रहे शिक्षक
प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पिछली तारीख से वैध बनाने के लिए लोकसभा में एक बिल पेश
किया गया , जिसके पास होने पर इन शिक्षण संस्थानों
से पास होने के बाद स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित
हो जाएगा ।
अमान्य अकादमिक संस्थान
ट्यूटरी
यूनियन गवर्नमेंट बॉडी एनसीटीई से मान्य ना होने पर भी शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम
संचालित करने वाले 17 इंस्टिट्यूशंस में 12 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज हैं । एएमयू के अतिरिक्त
जो ऐसी दूसरी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज हैं ,जिनमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ बिहार गया, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, डॉ. हरि सिंह गौर
यूनिवर्सिटी,
सागर रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन, मैसूर
त्रिपुरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी,
इंदिरा गांधी नैशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी, अमरकंटक;
लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ
इंडिया),
तिरुअनंतपुरम; मौलाना आजाद नेशनल उर्दू
यूनिवर्सिटी,
हैदराबाद;
रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, भुवनेश्वर; पांडिचेरी यूनिवर्सिटी और मणिपुर यूनिवर्सिटी के नाम सम्मिलित हैं ।
इन संस्थानों को वैध करने हेतु नहीं हुआ निर्णय
सूत्रों
के अनुसार ,संसद का 21 दिन चलने वाला शीत सत्र 5 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है ,जिसमें
मात्र चार सत्र शेष हैं ऐसे में सैकड़ों
छात्रों और शिक्षकों का भविष्य का निर्णय नहीं हो पायेगा ,क्योंकि इस बिल पर अब तक
लोकसभा में चर्चा नहीं हो पाई है ।
अमान्य
शिक्षण संस्थानों में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
और रबींद्र भारती यूनिवर्सिटी,
जोरासांको कैंपस कोलकाता स्टेट यूनिवर्सिटी में पहले चलाए
जा रहे शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संसद में बिल पास होने के बाद
मान्यताप्राप्त हो जाएंगे ,जबकि इनमें से
कुछ संस्थानों ने दावा किया था ,कि उनको शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करने से
पहले एनसीटीई की इजाजत लेने की अनिवार्यता के बारे में जानकारी नहीं थी ।
मित्रों,यहाँ
हमने आपको अमान्य शिक्षण संस्थानों के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई
प्रश्न आ रहा है तो ,कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके
द्वारा की गई प्रतिक्रिया का इंतजार है |
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