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Feb 9, 2018

डेबिट कार्ड में कैसे होती है सेंधमारी - जाने कैसे बचे

डेबिट कार्ड में कैसे होती है सेंधमारी
बाजार में असली और नकली दोनों नोट का चलन है, जिसमें से नकली नोट को पहचानने में काफी समस्या होती है, ऐसे में यदि  हम कैशलेस ट्रांसक्शन करेंगे तो इसमें बहुत ही बड़े फ्रॉड होने से बच सकेंगे, और लेन-देन की प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता होगी | नोटबंदी के बाद से सरकार लगातार डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है, जिससे लोगो द्वारा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या पेमेंट एप के माध्यम से भुगतान किया जाता है |

हाल में एटीएम मशीन से पैसा चुराने के मामलों में वृद्धि हुई है, इसलिए डेबिट कार्ड की सावधानी से सम्बंधित आपको इस पेज पर कुछ ऐसी बातें बता रहे है,जिससे आपके डेबिट कार्ड से सेंधमारी की जा सकती है |


फेक ऐप्स
वर्तमान में गूगल प्ले स्‍टोर पर हर तरह की ऐप उपलब्ध  है, और आप उसे मुफ्त में यूज कर सकते हो, परन्तु  हमारे यहाँ पर कुछ फेक ऐप भी बनाई जाती है और उन्हें गूगल प्‍ले स्‍टोर में डाल दिया जाता है, ताकि आपकी जानकारी को प्राप्त किया जा सके ।

जो की असली ऐप से मेल खाती हुई दिखती है । जिसका यूज करके आप उस में फस जाते हो। मोबाइल ऐप्स भी आपके लिए खतरा बन सकती है, इसलिए हमेशा सही सोर्स से एप डाउनलोड करना चाहिये | 


स्किमिंग
एटीएम स्किमिंग एक डिवाइस जिसे स्कीमेर कहते है |  इस डिवाइस का इस्तेमाल कर चोर हमारे एटीएम कार्ड की जरुर जानकारी कॉपी कर लेता है, और हमे पता भी नहीं चलता |  इस डिवाइस को एटीएम मशीन में कार्ड इंटर करने की जगह पर फिट कर दिया जाता है, जैसे ही हम अपना कार्ड पैसे निकलने के लिए मशीन में डालते है, कार्ड की सारी जानकारी इसमें स्टोर हो जाती है | यह  डिवाइस इतनी छोटी  होती है, कि आप इसे देख नहीं पाते |

डुबलीकेट कीबोर्ड
स्किमिंग ही नहीं बल्कि के फेंक कीबोर्ड के माध्यम से एटीएम से पैसा चुराया जाता है । फेक कीपैड्स लगा कर भी कार्ड का पिन चुराया जाता है। चोरो द्वारा  पिन चुराने के लिए असली कीपैड के ऊपर फेक कीपैड लगा देते है, और आपके पिन की जानकारी प्राप्त कर लेते है ।


हिडन कैमरा
हिडन कैमरा के माध्यम से एटीएम से आपका पैसा चुराने का एक और तरीका है । इसमें क्रिमिनल एटीएम मशीन के नजदीक हिडन कैमरा लगा देते हैं, जिसे आप देख नहीं पाते है,  और आपका पिन नंबर की जानकारी प्राप्त कर लेते है ।

कार्ड ट्रैपिंग
कार्ड ट्रैपिंग में आपका कार्ड मशीन में फंस जाता है, जिसे बाद में निकाल कर उससे पैसा चुरा लिया जाता है ।

फार्मिंग
इस तकनीक में साइबर क्रिमिनल आपको फेक वेबसाइट पर रिडायरेक्ट कर देते हैं, जो असली जैसी लगती है, और आप जैसे ही कार्ड से ट्रांजैक्शन करते हैं, तो कार्ड की जानकारी  चोरो तक पहुंच जाती है ।


फिशिंग
इस तरीके में आपके पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट या आपके बैंक के नाम से एक ईमेल या मेसेज भेजा जाता है। इसके लिंक में माध्यम से आपकी गुप्त जानकारी किसी वेबसाइट पर ले ली जाती है, और बाद में इस डेटा का प्रयोग पैसा निकालनें में किया जाता है |

मित्रों, यहाँ आपको हमनें डेबिट कार्ड से सेंधमारी से बचनें के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है ,तो कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का इंतजार है |

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