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Dec 24, 2018

उत्तर प्रदेश (UP APO) सहायक अभियोजन अधिकारी कैसे बने, वेतन, अधिकार


उत्तर प्रदेश (UP APO) सहायक अभियोजन अधिकारी कैसे बने 
सहायक अभियोजन अधिकारी (Assistant Prosecution Officer) की नियुक्ति भारत के प्रत्येक जिला कोर्ट एवं हाईकोर्ट में की जाती है | यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण एवं सम्मानजनक पद होता है | इस पद पर नियुक्त होनें के पश्चात आप पदोन्नति के माध्यम से उच्च पदों तक पहुंच सकते है । सहायक अभियोजन अधिकारी के पदों पर अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से किया जाता है | उत्तर प्रदेश (UP APO) सहायक अभियोजन अधिकारी कैसे बने ? इससे सम्बंधित जानकारी आपको इस पेज पर विस्तार से दे रहे है |


सहायक अभियोजन अधिकारी
सहायक अभियोजन अधिकारी को सहायक लोक अभियोजन अधिकारी भी कहते है | न्यायिक सेवा में सहायक अभियोजन अधिकारी अर्थात असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट प्रोस्यूक्यूशन ऑफीसर (एपीओ) को आम बोलचाल की भाषा में सरकारी वकील कहा जाता है । जिन मामलों में पक्षकार के पास अधिवक्ता की सुविधा नहीं होती वहां एपीओ के माध्यम से उस पक्षकार की तरफ से मामलों की पैरवी की जाती है, इसके साथ-साथ एपीओ न्यायालय के अन्य कार्यों में न्यायाधीश की सहायता करते है ।


शैक्षिक योग्यता
एपीओ (APO) बननें हेतु अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से एलएलबी (वकालत) अथवा पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एलएलबी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है |

आयु मापदंड (Age Limit)
एपीओ के पद पर नियुक्ति के लिए अलग-अलग राज्यों ने भिन्न-भिन्न आयु सीमा निर्धारित की गयी है | उत्तर प्रदेश में  न्यूनतम  आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा 31 वर्ष निर्धारित की गयी है | इसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमनुसार छूट प्राप्त होगी |


चयन प्रक्रिया (Selection Process)
असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट पब्लिक प्रोस्यूक्यूशन ऑफीसर पद पर अभ्यर्थियों का चयन प्रत्येक राज्य में परीक्षा के माध्यम से किया जाता है | संबंधित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा इस पद के लिए विज्ञापन निकाले जाते हैं । अभ्यर्थियों का चयन प्रारंभिक परीक्षा, साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है ।

लिखित परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम (Written Exam)
भारतीय साक्ष्य एक्ट,अजाजजा एक्ट, भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, भ्रष्टाचार निवारण एक्ट,आयुघ एक्ट,मादक द्रव्य पदार्थ एक्ट, भारतीय विद्युत अधिनियम, वन्यप्राणि संरक्षण एक्ट,खाद्य सुरक्षा एवं मानक एक्ट, आबकारी एक्ट, मोटरयान एक्ट,भारतीय रेल एक्ट, आवश्यक वस्तु एक्ट, अपराधी परिवीक्षा एक्ट,मानव अधिकार संरक्षण एक्ट और पर्यावरण संरक्षण एक्ट से सम्बंधित अधिनियमों से प्रश्न पूछे जाते हैं ।


सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट 2000,घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण एक्ट 2005,सूचना का अधिकार एक्ट 2005,दहेज प्रतिषेध एक्ट 1962 व उपहार एक्ट 1985,अनैतिक व्यापार निवारण एक्ट 1956, महिलाओं का अशिष्ट रुपण एक्ट 1986,बाल विवाह प्रतिशेध एक्ट 2006, अल्पवय व्यक्ति अपहानिकारक प्रकाशन एक्ट 1956,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण एक्ट 2012 और किशोर न्याय एक्ट 2000 अधिनियमों से सम्बंधित अधिनियमों प्रश्र पूछे जाते हैं ।

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प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न
भाग विषय अंक
    

भाग-1
सामान्य ज्ञान
राष्ट्र / अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वर्तमान घटना 10
भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था 8
सामान्य विज्ञान      8
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन      8
विश्व भूगोल और प्रदूषण       8
भारत का इतिहास 8

भाग-2
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 25
यूपी पुलिस अधिनियम और विनियम 15
भारतीय दंड संहिता 35
आपराधिक प्रक्रिया संहिता 25


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मुख्य परीक्षा पैटर्न
विषय अंक
अंग्रेज़ी 100
हिंदी 100
सामान्य ज्ञान 100
साक्ष्य कानून (Evidence) 100
आपराधिक कानून और प्रक्रिया 100


वेतन (Salary)
इस पद पर चयनित अभ्यर्थियों को 9300/- से 34800/- और ग्रेड पे 4600/- प्रतिमाह प्राप्त होता है |

आवेदन प्रक्रिया
  • आवेदन हेतु आपको अधिकारिक वेबसाइट up.nic.in ओपन करे
  • यूपी भर्ती फार्म 2009 पर क्लिक करे
  • सभी विवरण को ध्यान पूर्वक पढ़े तथा आवेदन पत्र भरें और स्कैन की गई प्रतियाँ और हस्ताक्षर अपलोड करें
  • परीक्षा शुल्क का भुगतान करें और पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सबमिट पर क्लिक करे
  • सबसे अंत में आप फार्म का प्रिंट अवश्य ले |

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जिला लोक अभियोजन अधिकारी के अधिकार  
  • मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में राज्य की ओर से प्रस्तुत व लंबित आपराधिक मामलों का संचालन करने का अधिकार
  • आवश्यकता के अनुसार गंभीर व सनसनीखेज मामलों, पोक्सो एक्ट के मामलों एवं ई०ओ०डब्लू० व लोकायुक्त सम्बन्धी मामलों में पैरवी का अधिकार
  • न्यायालय से निर्णय पारित होने पर अपील एवं रिविजन योग्य प्रकरणों में अपील व रिविजन प्रस्तावित किये जाने का भी दायित्व है
  • दोषमुक्त हुए प्रकरणों में अधीनस्थ अभियोजन अधिकारीयों से प्राप्त दोषमुक्ति प्रतिवेदनों की समीक्षा करना एवं दोषमुक्ति प्रतिवेदन उप संचालक अभियोजन को प्रेषित किये जाने का अधिकार
  • जिला स्तर पर अभियोजन कार्यालय के प्रमुख के रूप में जिला अभियोजन कार्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण करना, अपने अधीनस्थ अभियोजन अधिकारीयों के कार्य का पर्यवेक्षण एवं आवश्यक सहयोग प्रदान करना अधीनस्थ अधिकारीयों को न्यायालयीन कार्य आवंटन करना तथा कार्यालय के प्रशासकीय एवं वित्तीय कार्यों को सम्पादित करनें का अधिकार
  • जिले के विभिन्न न्यायालयों द्वारा दोषसिद्ध पाए गए अपराधियों के फिंगरप्रिंट प्रिंट का रिकॉर्ड जिला अभियोजन कार्यालय में रखना एवं आवश्यक जानकारी पुलिस विभाग को भेजनें का अधिकार

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