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Jan 19, 2018

Online FIR कैसे दर्ज करे - जाने विस्तार से

Online FIR कैसे दर्ज करे - जाने विस्तार से
हमारे साथ कभी-कभी ऐसी घटनाएँ हो जाती है ,जिनके बारें में पुलिस से शिकायत करना आवश्यक होता है ,या किसी अप्रिय घटना घटित हो जाने पर सम्बंधित पुलिस स्टेशन पर प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ती है | हमारे द्वारा लिखित रूप से दर्ज करायी गयी शिकायत को एफआईआर कहते है ,इसका पूरा नाम ‘प्रथम सूचना रिपोर्ट’ है |  एफआईआर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अनुरूप चलती है ।



एफआईआर संज्ञेय अपराधों में होती है। अपराध संज्ञेय नहीं है तो एफआईआर नहीं लिखी जाती । एफआईआर करने हेतु आपको अपने क्षेत्र से समबन्धित थाने में जाना पड़ता है ,परन्तु अब एफआईआर ऑनलाइन माध्यम से कर सकते है | आप ऑनलाइन एफआईआर कैसे कर सकते है ,इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |

कैसे दर्ज करायें एफआईआर
यदि आप किसी अपराध की रिपोर्ट दर्ज करवाने हेतु थाने में जाते हैं, तो सर्वप्रथम आपको अपने साथ घटे अपराध की पूर्ण जानकारी देने को कहा जाता है । इसमें अपराध का समय, स्थान, मौके की स्थिति के बारें में जानकारी ली जाती है । यह सारी जानकारी डेली डायरी में लिखी जाती है। इसे विभागीय भाषा में रोज नामचा भी कहा जाता है ,अनेक अनभिग व्यक्ति इसे एफआईआर समझ लेते हैं और पूर्ण रूप से संतुष्ट हो जाते हैं , परन्तु इसकी कोई गारंटी नहीं होती कि ,आपके मामले पर कार्यवाही की जाएगी , इसलिए जब भी अपराध की रिपोर्ट दर्ज करवाएं एफआईआर लिखवाएं और इसकी कॉपी लें, यह आपका अधिकार है।

एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही और देरी के लिए भी आप जिम्मेदार अधिकारी की शिकायत कर सकते हैं। एफआईआर की पहचान के लिए इस पर एफआईआर नंबर भी दर्ज होते हैं जिसे आपको  आगे की प्रक्रिया हेतु प्राप्त करना आवश्यक है | एफआईआर दर्ज कराने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है ,परन्तु आपसे शुल्क की मांग की जाती है ,तो आप उच्च अधिकारियो से शिकायत कर सकते है |


प्राथमिकी दर्ज करवाते समय रखें इन बातों का ध्यान
1.घटना होने पर एफआईआर अतिशीघ्र दर्ज करवाएं , यदि किसी कारण से देर हो जाती है तो फॉर्म में इसका उल्लेख करें ।

2. शिकायत की चार प्रतियाँ कार्बनशीट में होनी चहिये ।

3.शिकायत लिखनें की भाषा सरल होनी चाहिए ,ताकि सभी बातें स्पष्ट रूप से समझी जा सके |

4.ध्यान रखें कि आपके आगमन और प्रस्थान का समय एफआईआर और पुलिस स्टेशन के डेली डायरी में अंकित किया गया है|


प्राथमिकी में मुख्य रूप से किन-किन बातों की जानकारी देनी चहिये
1.आप की द्वारा दी जाने वाली जानकारी के बारें में और किसे मालूम है ?
2.आपके साथ किये जाने वाले अपराध का दोषी कौन है ?

3.अपराध करने वाले व्यक्ति ने खिलाफ क्या किया है ?

4.अपराध होने का समय क्या था ?

5.अपराध किस स्थान पर हुआ ?

6.अपराध किस तरीके से हुआ ?

7.अपराध के समय कोई गवाह थे ?

8.अपराध से होने हानि के बारें में पूर्ण जानकारी |


ऑनलाइन एफआईआर
वर्तमान समय में आपको शिकायत करने हेतु पुलिस थाने जाने की आवश्यकता नहीं है ,क्योंकि आप अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं । शिकायत दर्ज करने के 24 घंटे के अन्दर थाना प्रभारी द्वारा आपको फोन किया जायेगा , जिसके बाद आप अपनी शिकायत की स्थिति को ऑनलाइन ही ट्रैक कर सकते हैं । ऑनलाइन शिकायत करने के लिए आपको अपना ई-मेल और टेलीफोन नंबर अंकित करना होगा ,जिससे पुलिस आपको संपर्क कर सके ।

प्राथमिकी दर्ज करवाना अनिवार्य –सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने को अनिवार्य कर दिया गया है तथा प्राथमिकी  दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया है । न्यायालय के आदेशानुसार ,प्राथमिकी दर्ज होने के एक सप्ताह के अंदर उसकी जांच पूरी की जानी चाहिए। इस जांच का मकसद मामले की पड़ताल और गंभीर अपराध है या नहीं जांचना है। इस तरह पुलिस इसलिए मामला दर्ज करने से इंकार नहीं कर सकती |


यह है आपके अधिकार
1.अपराध के मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है ।

2.प्राथमिकी लिखे जाने पर उसकी एक प्रति लेना शिकायकर्ता का अधिकार है ,जिसे मना नहीं किया जा सकता ।

3.सम्बंधित अपराध की एफआईआर में लिखे गए घटनाक्रम व अन्य जानकारी को शिकायकर्ता को पढ़कर सुनाना अनिवार्य है ,यदि आप पूर्ण रूप से संतुष्ट होने पर हस्ताक्षर किए जाने चाहिए ।

4.यह आवश्यक नहीं है कि ,शिकायत दर्ज करवाने वाले व्यक्ति को अपराध की व्यक्तिगत जानकारी हो या फिर उसके सामने ही अपराध हुआ हो ।

5.प्राथमिकी में पुलिस अधिकारी अपनी ओर से कोई भी शब्द या टिप्पणी को घटाया  या बढ़ाया नहीं जा सकता ।

ऑनलाइन प्राथमिकी कैसे दर्ज करें
ऑनलाइन एफआईआर देखने के साथ ऑनलाइन एफआईआर का विकल्प प्रारंभ  किया जा चुका है। इसके लिए यूपी पुलिस की वेबसाइट पर ई एफआईआर के विकल्प पर क्लिक करना होगा , इसके लिए सिटीजन लाग इन क्रिएट करना होगा और फिर दिए गए आप्शन को फिल करना होगा । अभी ऑनलाइन एफआईआर अज्ञात और नॉन एसआर केस के लिए ही उपलब्ध है।


प्रत्येक जिले के एसएसपी आफिस में खुले एफआईआर सेल में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं । इसकी जिम्मेदारी शिकायत प्रकोष्ट के प्रभारी को सौंपी गयी है । यहां पर जीओ क्राइम नंबर पर एफआईआर दर्ज होगी और सीसीटीएनएस के माध्यम से उसे प्राथमिकी के प्रारूप में संबंधित थाने पर भेजा जाएगा ,जहां उस पर क्राइम नंबर अंकित कर दिया जाएगा ।


मित्रो,यहाँ आपको हमनें ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है तो ,कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यकर कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया का इंतजार है |

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