हमें बचपन से बताया जाता है कि, अच्छी शिक्षा के माध्यम से अपनें भाविष्य को उज्ज्वल किया जा सकता है ,परन्तु हमारे देश में शिक्षित होने के पश्चात भी छात्र बेरोजगार है | युवा वर्ग में बढ़ती बेरोजगारी गंभीर चिंता का विषय है | केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश की आबादी के लगभग 30 प्रतिशत लोगों को नौकरियों की तलाश है |
इनमें पढ़े-लिखे
युवाओं की संख्या सबसे अधिक है | बेरोजगारों में 25 फीसदी 20 से 24 आयुवर्ग के हैं, जबकि 25 से 29 वर्ष
की उम्र वाले युवकों की संख्या लगभग 17 फीसदी है | 20 वर्ष से ज्यादा उम्र के 14.30 करोड़
युवाओं को नौकरी की आवश्यकता है | भारत में ग्रजुएट छात्र आज
बेरोजगार क्यों है ? इसके बारें में आपको इस पेज
पर विस्तार से बता रहें है |
सर्वेक्षण के आधार पर
प्राप्त महत्वपूर्ण बातें
1.भारत में ग्रेजुएट इंजीनियर की संख्या अधिक है,परन्तु
उनमें से मात्र 22 प्रतिशत इंजीनियर ही योग्यता प्राप्त
इंजीनियर की श्रेणी में आते है |
2.योग्यता ना होने के कारण सभी प्रकार की डिग्री का कोई मूल्य नहीं |
3.अन्य क्षेत्रों में स्नातक छात्र लगभग 7 से 8 प्रतिशत योग्य है |
4.भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 40 लाख से अधिक छात्र स्नातक की डिग्री
प्राप्त करते है , जिनमें से लगभग 21से 27 प्रतिशत स्नातक इंजीनियर होते हैं |
5.भारत
में बेरोजगारों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है |
Read: केवल नैक (NAAC) रेटिंग वाले ही संस्थान करा सकेंगे
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ग्रेजुएट छात्रों के
बेरोजगार होने के कारण
1.उचित शिक्षा का अभाव
हमारे देश में शिक्षण संस्थानों की
संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है ,इन शिक्षण संस्थानों में शिक्षा देने
वाले शिक्षक अधिक योग्य नहीं होते ,अधिकांश शिक्षक जिस कक्षा में शिक्षा
देने हेतु नियुक्त किये जाते है, वह स्वयं उस कक्षा को एक या दो वर्ष
पूर्व उत्तीर्ण की होती है, और अनेक ऐसे शिक्षण संस्थान है ,जिन शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षको द्वारा शिक्षा दी जाती है ,वहां छात्र शिक्षा पर अधिक ध्यान नहीं देते |
2.धन की कमी
हमारे देश में अनेक ऐसे शिक्षण संस्थान
है ,जो अच्छी शिक्षा देने हेतु विख्यात है ,परन्तु
उन शिक्षण संस्थानों का शुल्क अधिक होने के कारण सभी छात्रों का प्रवेश लेना संभव
नहीं है |
3.शिक्षा में अच्छे
पाठ्यक्रम का अभाव
प्रत्येक शिक्षण संस्थान में शिक्षा का
पाठ्यक्रम निश्चित है ,और पाठ्यक्रम के अनुसार छात्रों को
शिक्षा दी जाती है ,परन्तु शिक्षा का यह पाठ्यक्रम काफी
पुराना हो चुका है अर्थात आज से 8 वर्ष पहले जो पाठ्यक्रम था,वही पाठ्यक्रम आज भी है | आज का युग डिजिटल युग है ,इस पाठ्यक्रम को नवीनीकृत किये जाने की आवश्यकता है |
4.शिक्षा के प्रति छात्रों
की रूचि नहीं
शिक्षा के प्रति छात्रों की रूचि अधिक
नहीं है ,अधिकांश छात्र शिक्षण संस्थानों में सिर्फ अपनी उपस्थिति अंकित करानें जाते
है ,यदि शिक्षक पढ़ाना चाहता है ,तो छात्र उपस्थित नहीं होते ,वह रजिस्टर पर अपनी उपस्थिति अंकित कराकर वापस चले जाते है | कुछ अध्यापक भी इस सम्बन्ध में कठोर कार्यवाही नहीं करते ,क्योकि कुछ समय पश्चात वह स्वयं कक्षा से चले जाते है |
5.आरक्षण प्रक्रिया
अनेक छात्रों को आरक्षण प्रक्रिया के
माध्यम से नौकरी आसानी से प्राप्त हो जाती है | ऐसे
छात्र आरक्षण को लेकर अपनी पढाई के प्रति गंभीर नहीं होते क्योकि ,वह जानते है ,कि हमें आरक्षण के माध्यम से छूट
प्राप्त हो जाएगी | यह अशिक्षा का एक प्रमुख कारण है |
मित्रों,यहाँ हमनें
आपको ग्रजुएट छात्रों के बेरोजगार होने के बारें में बताया | यदि
इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है तो कमेंट बाक्स के माध्यम से
व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का
इंतजार है |
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