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Apr 3, 2018

फेक यूनिवर्सिटी से आप कैसे बच सकते हैं - जाने कुछ खास टिप्स


फेक यूनिवर्सिटी से आप कैसे बच सकते हैं 
किसी भी छात्र के जीवन में हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता है, कि उन्हें किस कॉलेज में एडमिशन लेना चाहिए, अधिकांशतः विज्ञापन और दूसरो की देख बच्चे और अभिभावक गलत कॉलेज का चुनाव कर लेते हैं,  जिस एजुकेशनल डिग्री के कारण आपका करियर बनता है, अगर वह फर्जी निकल आए तो, आपका पूरा करियर खराब हो जाता है, फर्जी कोर्स चलाने वाले या डिग्री देने वाले संस्थानों की पहचान और इनसे बचाव के बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |


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एडमिशन से पहले बरतें ये सावधानियां 
1.अनेक ऐसे संस्थान होते है, जो अपने लुभावने विज्ञापनों के माध्यम से छात्रों को अपनी और आकर्षित करते है,ऐसे संस्थानों से संपर्क करने पर आपको एक वर्ष में ग्रैजुएशन करवाने के बारें में बताते है,ऐसी स्थिति में आपको सतर्क हो जाना चाहियें, इसके साथ –साथ इंजीनियरिंग जैसे प्रफेशनल कोर्स, बिना एडमिशन टेस्ट के कॉरस्पॉन्डेंस से करवाने वाले संस्थानों से बचें |
 
2.रोजगार समाचार/ एम्प्लॉयमेंट न्यूज़ प्रकाशन विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित होने वाले शैक्षिक या रोजगार संबंधी विज्ञापनों पर विश्वास किया जा सकता है, परन्तु किसी भी इंस्टिट्यूट की आलीशान बिल्डिंग, चमकते ऑफिस और स्मार्ट स्टाफ की चकाचौंध में न आएं |  

3.किसी प्राइवेट या विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री दिलवाने का वादा करें तो बहकावे में न आएं ।

4.संस्थानों की वेबसाइट के भ्रामक दावों के बारे में मैनेजमेंट से न सिर्फ जानने की कोशिश करें बल्कि मान्यता प्राप्त होने से जुड़े सर्टिफिकेट दिखाने का आग्रह करें ।

5.प्रवेश से पूर्व उस इंस्टिट्यूट में वर्तमान में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों से बातचीत कर बताएं गये दावों  के बारें में जाननें  की कोशिश करें ।

6.ऐसे फर्जी संस्थान शुल्क कैश में देने को कहते हैं, यह एक संकेत हो सकता है, जिससे आपको सतर्क हो जाना चाहिए,  चेक या डिजिटल माध्यम से पेमंट करें ।

7.रेग्युलेटरी एजेंसियों से संपर्क कर सच्चाई जानने के पश्चात ही अगला कदम उठायें ।

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ऐसे करें मान्यता प्राप्त होने जांच 
अधिकांश लोग संस्थानों की मान्यता प्राप्त होने को चेक करनें की प्रक्रिया को भली प्रकार से नहीं से जानते,  हालांकि, सरकार ने केंद्रीय स्तर पर इस प्रकार की अनेक रेग्युलेटरी संस्थानों का गठन किया है, जो विभिन्न प्रफेशनल कोर्स एवं संचालक संस्थानों को मान्यता देते हैं ।

सामान्य कोर्स
विश्वविद्यालय को मान्यता देने से सम्बंधित विभिन्न स्तर के नॉन प्रफेशनल ग्रैजुएशन/पोस्ट ग्रैजुएशन पाठ्यक्रमों का संचालन और उनकी गुणवत्ता स्तर को बनाए रखनें की सम्पूर्ण जिम्मेदारी यूनिवर्सिट्री ग्रांट्स कमिशन पर है । देश में संचालित अनेक सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़, स्टेट यूनिवर्सिटीज़, डीम्ड यूनिवर्सिटीज़, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ आदि की सूची इनकी वेबसाइट से प्राप्त की जा  सकती है, और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है |


टेक्निकल कोर्स
बीटेक, एमटेक,बीबीए,एमबीए,एमसीए आदि देश में टेक्निकल और दूसरे प्रफेशनल कोर्सों की क्वॉलिटी पर नजर रखने और पाठ्यक्रमों के लिए ट्रेनिंग देने वाले इंस्टिट्यूशंस और यूनिवर्सिटीज़ को मान्यता प्रदान करनें की सम्पूर्ण जिम्मेदारी ऑल इंडिया काउंसल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की है |

इसकी वेबसाइट्स के माध्यम से आसानी से डिग्री/ डिप्लोमा स्तर के इंजीनियरिंग, फार्मेसी, आर्किटेक्चर, होटेल मैनेजमेंट, एमसीए, एमबीए, एमई, एमटेक, एमफार्मा, एम आर्किटेक्चर पाठ्यक्रमों का आयोजन करने वाले मान्यता प्राप्त संस्थानों, विश्वविद्यालयों   की सूची प्राप्त कर सकते है ।


रजिस्टर्ड और रेकग्निशन में अंतर को पहचानें 
किसी भी संस्था या ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का रजिस्ट्रेशन होने से यह अर्थ नहीं लगाया जा सकता, कि इस संस्थान को सभी प्रकार  के कोर्स चलाने के लिए मान्यता प्राप्त है, इन दोनों का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है ।

संस्थान की वेबसाइट से प्राप्त करें जानकारी  
नए संस्थानों के पाठ्यक्रमों  की अपेक्षा पुराने संस्थानों का चयन करें,  इस बारे में शुरूआती जानकारी के लिए संस्थान की वेबसाइट का प्रयोग कर सकते है, क्योंकि संस्थान जितना अधिक पुराना होगा, उसकी विश्वसनीयता उतनी अधिक होगी ।

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फर्जी इंस्टिट्यूट या कोर्स के चंगुल में फंस गए तो क्या करें  
1.यदि आप फर्जी संस्थान के चंगुल में आ गये है, तो दूसरे छात्रों के साथ मिलकर मैनेजर्स से सीधे बात करें और उनसे ब्याज सहित  फीस वापस करने को कहें, फीस वापस करनें में मना करते है, तो कंज्यूमर कोर्ट में केस दायर करें ।

2.अपना पैसा और वक्त इस तरह से व्यर्थ  न करते हुए किसी दूसरे कोर्स, रेग्युलर कॉलेज या डिस्टेंस एजुकेशन/ओपन यूनिवर्सिटी से करें, इस प्रकार  आप अपनें  वर्ष को व्यर्थ होने से बचा सकते है |

3.संबंधित रेग्युलेटरी संस्था में शिकायत दर्ज करें, ताकि भविष्य में और युवा इसके शिकार न हों |
 
4.इस सम्बन्ध में मीडिया और पुलिस की सहायता ली जा सकती है ।

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यहाँ आपको हमनें फर्जी कोर्स अथवा फर्जी डिग्री देने वाले संस्थानों की पहचान और इनसे बचाव के बारें में बताया | यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न आ रहा है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से व्यक्त कर सकते है | हमें आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का इंतजार है |

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